पठानकोट 3 सितंबर, 2019। आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत को दुनिया का सबसे दमदार हथियार मिल गया है। आज पठानकोट एयरबेस पर भव्य समारोह और पूजा अर्चना के बाद 8 ‘अपाचे हेलिकॉप्टर्स’ वायुसेना में शामिल हो गए। इसी के साथ भारत ‘अपाचे हेलिकॉप्टर’ का इस्तेमाल करने वाला 15वां देश बन गया है। अपाचे दुनिया के आधुनिक लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स में शामिल है। अमेरिकी सेना भी इसका इस्तेमाल करती है।
दुनिया का सबसे एडवांस्ड अटैक हेलीकॉप्टर अपाचे आज आधिकारिक तौर पर इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) का हिस्सा बन गया। आईएएफ चीफ, एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने इस हेलीकॉप्टर को आईएएफ को सौंपा। जो बात सबसे अहम है वह है इस हेलीकॉप्टर को आईएएफ के पठानकोट स्थित उसी एयरबेस पर तैनात किया जा रहा है जिसे जनवरी 2016 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने निशाना बनाया था। आठ अपाचे हेलीकॉप्टर पाकिस्तान सीमा से महज 30 से 40 किलोमीटर की दूरी पर तैनात होंगे। अमेरिकी कंपनी बोइंग की ओर से निर्मित अपाचे हेलीकॉप्टर्स जुलाई में अमेरिका से एएच-64ई अपाचे गार्डियन हेलीकॉप्टर्स का पहला बैच गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पहुंचा था।
रडार की पकड़ से दूर अपाचे
बोइंग का अपाचे चार ब्लेड वाला और ट्विन इंजन वाला हेलीकॉप्टर है। अपाचे दुनिया पहला ऐसा अटैक हेलीकॉप्टर है जो रडार की पकड़ से दूर है। इसके कॉकपिट में दो लोगों के क्रू की जगह है।पठानकोट में रूसी हेलीकॉप्टर एमआई-35 की एक यूनिट है और इस यूनिट को रिटायर कर दिया है। अब इसकी जगह एडवांस्ड हेलीकॉप्टर अपाचे की यूनिट आईएएफ के लिए होगी। साल 2020 तक भारत के पास 22 अपाचे का एक बेड़ा होगा और भारत दुनिया के उन खास देशों में शामिल हो जाएगा जहां की सेनाएं अपाचे ऑपरेट कर रही हैं। सितंबर 2015 में भारत सरकार ने अपाचे की खरीद को मंजूरी दी थी। साल 2017 में सेना के लिए अतिरिक्त छह अपाचे हेलीकॉप्टर्स की खरीद को मंजूरी दी गई थी। अपाचे बनाने वाली कंपनी बोइंग ने मई माह में अपाचे हेलीकॉप्टर की पहली खेप आईएएफ को सौंपी थी।