लोकसभा चुनाव: पहले चरण के बस्तर सीट पर होगा कड़ा मुकाबला.. जानिए इस सीट की खास बातें..

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07 अप्रैल 2019, बस्तर/भिलाई। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 11 अप्रैल, गुरुवार को वोटिंग होगी। विभिन्न राज्यों की कुल 91 सीटों पर मतदान होगा, जिनमें छत्तीसगढ़ की भी एक सीट शामिल है। यह सीट है बस्तर। यह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। नक्सल प्रभावित होने के कारण यहां के दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर और कोंटा में सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान होगा। वहीं, इस लोकसभा के अंतर्गत आने वालीं 4 अन्य विधानसभाओं (जगदलपुर, कोंडागांव, बस्तर, चित्रकूट) में सुबह 7 बजे से 5 बजे तक वोटिंग होगी। आजादी के बाद से अब तक यहां 16 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। पिछले कुछ चुनावों से इस सीट पर भाजपा का दबदबा रहा है। भाजपा यहां जीत का छक्का लगा चुकी है, लेकिन इस बार मुकाबला टक्कर का है। 2018 के विधानसभा चुनावों में जबरदस्त जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। पढ़िए बस्तर लोकसभा सीट की खास बातें –

इस बार का मुकाबला

  • कांग्रेस के दीपक बैज और भाजपा ने बैदुराम कश्यम के बीच मुख्य मुकाबला है।
  • इसके अलावा सीपीआई से रामू राम मौर्य, बसपा से आयतु राम मांडवी भी पूरा जोर लगा रहे हैं।
  • कुल सात प्रत्याशी मैदान में हैं।
  • खास बात यह है कि भाजपा और कांग्रेस, दोनों के प्रत्याशियों पर आपराधी मामले चल रहे हैं।
  • यहां कुल 11 लाख 93 हजार 116 मतदाता हैं, जिनमें 6,09,710 महिलाएं और 5,83,406 पुरुष मतदाता हैं।
  • बस्तर की लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के लिए कितनी चुनौतीपूर्ण बन चुकी है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दोनों ने यहां पूरी ताकत लगा दी है।
  • भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह तो कांग्रेस की ओर से खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रचार की कमान संंभाली है।
  • भूपेश कैबिनेट के मंत्री भी लगातार सभाएं कर रहे हैं।
  • भाजपा के स्टार प्रचारक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सभा करेंगे।

बस्तर के 16 लोकसभा चुनाव

  • यहां अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों में भाजपा 5, कांग्रेस 5, निर्दलीय 5 और अन्य दल ने एक बार जीत हासिल की है।
  • भाजपा पिछले छह चुनावों (1998, 1999, 2004, 2009 और 2014) में जीत दर्ज करने में कायमाबी रही है।
  • कांग्रेस ने 1991 में आखिरी बार चुनाव जीता था।
  • इस सीट पर निर्दलीयों का भी खासा दबदबा रहा है।
  • पहले चुनाव (1952) से लेकर अब तक पांच बार (1962, 1967, 1971 और 1996) में निर्दलीय चुनकर संसद पहुंचे हैं।

2014 का चुनाव परिणाम

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