जल जीवन मिशन के तहत क्रियान्वयन सहायक एजेंसी एवं उनके सदस्य का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभांरभ…

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राजनांदगांव 17 फरवरी, 2022। जल जीवन मिशन के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं जिला जल एवं स्वच्छता मिशन, राजनांदगांव द्वारा आज क्रियान्वयन सहायक एजेंसी (आई.एस.ए.) एवं उनके सदस्य का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। जिला पंचायत कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में ग्राम जल स्वच्छता समिति सदस्य, पंचायती राज संस्था प्रतिनिधि तथा क्रियान्वित सहयोग एजेंसी सदस्यों को स्वच्छ जल एवं स्वच्छता विषय पर विभिन्न विशेषज्ञों ने विस्तार से जानकारी दी व प्रशिक्षित किया। राजनांदगांव जिले के कलेक्टर श्री तारण प्रकाश सिंहा जी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस कार्यशाला में मुख्य रुप से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य कार्यालय से अधीक्षक अभियंता एवं आई.एस.ए. के प्रभारी श्री कैशाल मढ़रिया जी ने प्रशिक्षित किया।
इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में जल के विवेकपूर्ण इस्तेमाल तथा व्यक्तिगत स्तर पर प्रबंधन, सामूहिक व ग्राम स्तर पर जल प्रबंधन तथा संस्थानिक स्तर पर जल प्रबंधन के बारे में जागरूक किया जाएगा।

कलेक्टर श्री तारण प्रकाश सिंहा जी ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार या केंद्र सरकार की योजनाएं तब सफल होती है जब आम जनता की सहभागिता होती है। आम जनता पर निर्भर करता है कि योजना को कैसे सफल बनाएं। पूर्व में जो संपूर्ण स्वच्छता अभियान चला था “एक कदम स्वच्छता की ओर” ये अभियान चला था। यह अभियान इसलिए भी सफल हुआ क्योकि इसमें आम जनता की पूरी सहभागिता थी। इस तरह के कार्यक्रम से सामुदायिक भागीदारी के साथ-साथ पेयजल के प्रति उपभोक्ताओं की संवेदनशीलता भी होनी चाहिए। ताकि सरकार की योजनाओं का सही क्रियान्वयन कर सफल बना सकें।   

कार्यशाला में उपस्थित जिला पंचायत के सीईओ श्री लोकेश चंद्राकर ने कहा कि जिले में वर्तमान में जल जीवन का कार्य प्रारंभ हो गया है। ऐसे में गांव का स्वच्छ पानी नाली में ना बहे। घर घर में पानी का सदुपयोग हो इस दिशा में हम सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है ।हमें उचित माहौल बनाने के लिए कार्य करने की जरूरत है । जल जीवन मिशन के कार्यो को बेहतर बनाने के लिए समुदाय के मध्य उचित माहौल बनाने की आवश्यकता है साथ ही समुदाय मिशन के कार्यो को  अपना संपत्ति समझे। इस दिशा में कार्य करना होगा।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए राज्य नोडल अधिकारी अधीक्षक अभियंता श्री कैलाश मढ़रिया जी ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार 2024 के अंत तक राज्य के सभी गांव में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाने का कार्य पूरा कर लेगी। यह कार्यक्रम पूरा होने के बाद ग्राम पंचायतों व समितियों को जल वितरण संबंधी अपनी योजनाएं खुद ही बनाएगी तथा वे खुद ही इनका रखरखाव करेंगे। इसी उद्देश्य के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया है। अधीक्षक अभियंता श्री कैलाश मढ़रिया ने कार्यशाला में उपस्थित आई.एस.ए. के सदस्यों को 5 सूत्रीय टिप्स भी दिए। उन्होंने कहा कि 55 लीटर प्रति व्यक्ति शुद्ध पेयजल, गुणवत्ता, नियमित, टिकाऊ व वास्तविक मूल्य के साथ जल जीवन मिशन को हम पूरा कर सकते है। उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत प्रति व्यक्ति 55 लीटर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की इस योजना के विषय में लोगों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 तक प्रदेश के ग्राम के सभी घरों को नल जल की गुणवत्तापूर्ण सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। जिससे नियमति शुद्ध पेयजल मिल सकें। और नल कनेक्शन भी टिकाउ और मजबूती के साथ काम करें।

विशेषज्ञों ने बताया कि जल जीवन मिशन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले सभी परिवारों को घरों तक पानी पहुंचाना है। 2024 तक ग्रामीण क्षेत्रों में सभी परिवारों तक पानी पाइपलाइन के माध्यम से घर-घर तक पहुंचाया जाएगा। देश के प्रत्येक परिवार को इस मिशन से जोड़ेंगे।

PHE के कार्यपालन अभियंता श्री एस.एन. पांडेय जी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि पेयजल के सुचारू संचालन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नल जल के माध्यम से घरों में लग रहे नल कनेक्शन का सही तरीके से इस्तेमाल करने और पानी को बचाने के लिए जन जागरूकता लोगों में लाना बहुत आवश्यक है, इसमें आप सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर जल जीवन मिशन के तहत किए जा रहे कार्यों के सही तरीके से संचालन करने के लिए सभी लोगों का दायित्व और भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर मुख्य रुप से जिले के कलेक्टर श्री तारण प्रकाश सिंहा, जिला पंचायत सीईओ श्री लोकेश चंद्राकर, राज्य नोडल अधिकारी श्री कैशाल मढ़रिया, श्री नित्यानंद हलधर और कार्यपालन अभियंता श्री एस.एन. पांडे, आईएसए की जिला प्रभारी सुश्री रामेश्वरी साहू, विभाग के अधिकारी-कर्मचारी सहित 16 क्रियावन्यन सहायता संस्थाओं के 54 प्रतिनिधि गण उपस्थित थे।