रायपुर। कवि रविन्द्र नाथ टैगोर ने भारत के राष्ट्र गान जन गण मन की रचना की थी। साहित्य में नोबेल पुरस्कार पाने वाले रविन्द्र नाथ टैगाेर द्वारा बनाया गया यह राष्ट्र गान आज भारत में विशेष अवसरों पर बजाया व गाया जाता है।
पूरा गाने में कुल 52 सेकेंड का समय लगातार रविन्द्र नाथ टैगोर ने इसे मूलतः बांग्ला में लिखा था। कहते हैं कि जन गण मन को इसके अर्थ की वजह से ही राष्ट्र गान का नाम दिया गया। राष्ट्र गान को पूरा गाने में कुल 52 सेकेंड लगते हैं। इस पूरे गान में पांच पद हैं।
यह है भारत का राष्ट्रगान जन-गण-मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता । पंजाब-सिंधु-गुजरात-मराठा द्राविड़-उत्कल-बंग विंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरंगतव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मांगे गाहे तव जय-गाथा ।जन-गण-मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता ।जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे ।