भूपेश सरकार ने उद्योगपतियों का बढ़ाया मनोबल, प्रदेश में नहीं हैं मंदी का असर: उद्योगपति केके झा

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भिलाई। देशभर में भले ही मंदी के दौर की खबर हो, लेकिन छत्तीसगढ़ इससे अछूता है। यहां पर इसका कोई असर नजर नहीं दिखाई दे रहा है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है यहां के व्यापार और उद्योगपतियों की खुशी। दरअसल प्रदेश के उद्योगपति एवं कारोबारी भूपेश सरकार के कामकाज से काफी खुश है। यहीं वजह है कि देश भर में मंदी के दौर के बीच छत्तीसगढ़ में नवरात्रि में बाजारों में रौनक बनी रही।  

छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के महासचिव एवं उद्योगपति केके झा का भी मानना है कि दीपावली में भी भारी खरीदारी होगी। पिछले काफी समय से देश में मंदी का दौर चल रहा है, इसकी वजह से हर सेक्टर परेशान है। लेकिन छत्तीसगढ़ में ज्यादातर सेक्टर के व्यापारियों ने तय किया कि मुनाफा कम कर इस मंदी के दौर में भी बाजार रौशन बनाए रखे। और ऐसा हुआ भी। उद्योगपति केके झा ने कहा कि अगर उद्योगपति या व्यापारी वर्ग खुश रहेंगे तो आम जनता को इसका निश्चिततौर पर फायदा होगा। और ग्राहकों को उनके मुकाबित चीजें उपलब्ध करा सकेंगे।  

भूपेश सरकार ने उद्योगपतियों का बढ़ाया मनोबल: झा

उद्योगपति केके झा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उद्योग व्यापार को जो प्रस्ताव दिया गया उससे निश्चित ही उद्योगपतियों का मनोबन बढ़ा है।

प्रदेश में नहीं हैं मंदी का असर: झा

उद्योगपति केके झा ने कहा केंद्र सरकार की महंगाई के बावजूद भी छत्तीसगढ़ में मंदी का कोई असर नहीं है। वजह है छत्तीसगढ़ के किसानों के जेब में पैसा है। प्रदेश अच्छा मानसून भी हो गया है। यहां तक कि बीएसपी कर्मचारियों को उम्मीद से ज्यादा बोनस मिला है। जिससे दुर्ग-भिलाई समेत पूरे प्रदेश में दिवाली में अच्छी खरीदी होंगे।

केंद्र से मिला 5 हजार करोड़, प्रदेश सरकार के पास उद्योग के लिए पैसे की नहीं हैं कोई कमी: झा

उद्योगपति केके झा ने बताय कि पिछले दिनों राज्य स्तरीय उद्योग पतियों की सरकार के साथ बैठक हुई थी। जिसमें जानकारी मिली कि भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के अच्छे काम को देखते हुए केंद्र सरकार ने उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 5 हजार करोड़ रुपए राज्य शासन को दिया है। जिससे ना सिर्फ उद्योगपतियों को फायदा होगा ब्लकि उपभोक्ताओं को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा।

उद्योपति केके झा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कई बार कह चुके है कि प्रदेश में उद्योग के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार उद्योगपतियों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ी है।