03 फरवरी 2019 भिलाई। 7 लोगों को मौत के घाट उतारने वाले सीरियल किलर अरूण चंद्राकर को पुलिस ने राजधानी रायपुर से पकड़ लिया है। आरोपी अरूण दुर्ग जिले के कचांदुर का रहने वाला है। उसने नंदिनी इलाके के कुकुरबेड़ा व रायपुर इलाके में वारदात को अंजाम दिया था।
रायपुर के मौहबाबाजार ब्रिज के नीचे से सरस्वती पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि आरोपी अरुण चंद्राकर 3 फरवरी को अपनी बेटी की बर्थडे मनाने आया था और महाराष्ट्र के गोंदिया और कई इलाकों में साधु बनकर फरारी काट रहा था। दरअसल 1 मई 2018 को आरोपी दुर्ग ले जाते समय पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था।
पुलिस कस्टडी से कैसे भागा था…
- अपने पिता और पत्नी समेत रायपुर के सात लोगों की हत्या करने वाला छत्तीसगढ़ का पहला सीरियल किलर अरुण चंद्राकर मई 2018 को पुलिस को चकमा देकर दुर्ग कोर्ट से फरार हो गया था। दुर्ग के एक मामले में उसकी पेशी थी। रायपुर पुलिस उसे यहां से ले गई थी। अरुण अपनी बारी का इंतजार करता हुआ कोर्ट रूम के बाहर बैठा था, फिर अचानक भाग निकला।
सिपाही भी भागा था पीछे…
- जब वह कुछ दूर निकल गया तब पुलिस को समझ में आया और सिपाही उसके पीछे भागे भी लेकिन पकड़ नहीं सके। उसके साथ दो और लोग भी भागते देखे गए थे।
- अरुण की फरारी से रायपुर और दुर्ग पुलिस में हड़कंप मच गया था। उसकी तलाश में पुलिस ने उसके रिश्तेदारों के घर गुंडरदेही और कचांदुर में तीन जगह छापे मारे पर वह नहीं मिला।
- रायपुर जेल में बंद कुकुरबेडा के अरुण चंद्राकर पर पिता और पत्नी समेत सात लोगों के हत्या का आरोप है।
- आरोपी ने दुर्ग में अपने पिता और पत्नी की हत्या की थी। इसकी सुनवाई वहीं चल रही थी।
- पुलिस के गार्ड उसे पेशी के लिए सड़क के रास्ते यहां से दुर्ग कोर्ट ले गए थे। उसके साथ चार बंदी और थे। पांच पुलिसकर्मी सभी को लेकर गए थे।
- दुर्ग में हर बंदी को अलग-अलग कोर्ट में पेश किया गया। एक हवलदार अरुण को कोर्ट रूम में ले गया।
- जानकारी के मुताबिक कोर्ट के बाबू ने पेशी के लिए थोड़ा इंतजार करने को कहा तो अरुण कोर्ट रूम के बाहर बैठ गया था।
- इसी दौरान वह मौका देखकर भाग निकला था
रायपुर के कुकुरबेड़ा से मिले थे सात कंकाल
- जनवरी 2012 में कुकुरबेड़ा से एक बच्ची गुम हुई थी। जांच में अरुण चंद्राकार का नाम सामने आया।
- अरुण ने अपने पिता, पत्नी लिली चंद्राकर, साली पुष्पा देवांगन और मकान मालिक बहादुर सिंह समेत सात लोगों की हत्या स्वीकार की।
- उसकी निशानदेही पर सभी जगह से कंकाल निकाले गए। रायपुर के मामले में उसे उम्रकैद की सजा हो चुकी है।