केंद्र सरकार द्वारा डीएमएफ कमेटी से प्रभारी मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाने पर कृषी मंत्री रविंद्र चौबे ने जारी किया बयान, कहा – हर काम प्रशासन करेगा तो जनप्रतिनिधियों का क्या काम?

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रायपुर। डीएमएफ समिति पर केंद्र सरकार के फैसले से सियासी उबाल आ गया है। कलेक्टर को अध्यक्ष बनाने के आदेश पर मंत्री रविंद्र चौबे ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि जब सारे काम प्रशासनिक अफसरों के मत्थे ही मढ़ दिया जाएगा तो प्रजातंत्र में जनप्रतिनिधियों का क्या काम..?

गौरतलब है कि DMF को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के अंतर्गत मंत्रियों/विधायकों की भूमिका कम की गई है, वहीं कलेक्टर को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। इस गाइडलाइंन पर छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का कहना है कि केंद्र सरकार के द्वारा जारी की गई गाइडलाइन उचित नहीं है। छत्तीसगढ़ में प्रभारी मंत्रियों को डीएमएफ समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने कहा कि नई गाइडलाइन का अध्ययन कर रहे हैं। किस रूप में यह लागू होगा किस रूप में नहीं, इसका अध्ययन के बाद फैसला लिया जाएगा। हर काम प्रशासनिक अधिकारियों के मत्थे रखकर करा सकते हैं, तो फिर प्रजातंत्र में जनप्रतिनिधियों का क्या काम?