सदन कार्यवाही में जोर से बोले अजय चंद्राकर तो सीएम बघेल ने टोककर कही ये बात…

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रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही के साथ अजय चंद्राकर एक सवाल के दौरान जोर से बोले, वे सवाल पूछ ही रहे थे कि सीएम बघेल ने बीच मे टोककर उनसे कहा कि ”अजय चंद्राकर ऊर्जावान हैं लेकिन बाकी सदस्य बहरे नही है।” वहीं छत्तीसगढ़ में बियर के ब्रांड ख़रीदी को लेकर विभाग के दिए जवाब पर ही विधायक अजय चंद्राकर ने विभागीय मंत्री कवासी लखमा को घेर दिया।

कुछ देर की बहस के बाद आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने पूरे मामले की जाँच की घोषणा कर दी। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने प्रश्न के जवाब में मिले अभिलेख के आधार पर सवाल उठाया। इसके अलावा बिलासपुर के तखतपुर में गायों की मौत पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लेकर आए बृजमोहन अग्रवाल सरकार और प्रशासन की लापरवाही के चलते 50 से ज्यादा गायों की मौत का मामला विधानसभा में गूंजा।

यह बोले चंद्राकर
इस दौरान चंद्राकर ने कहा कि “ये आँकड़े बताते हैं कि बीयर ख़रीदी गई और उन ब्रांडों की ख़रीद की गई जिसकी बिक्री ही नहीं हुई, इन काग़ज़ों में यह भी दर्ज है कि कालातीत होने की अवधि क्या होगी। इस अनुरुप यह बीयर कालातीत भी हो गई, इसके लिए जवाबदेह कौन है।

विधायक अजय चंद्राकर ने यह सवाल भी उठाया कि वे ब्रांड ख़रीदे गए जिनकी बिक्री ही नहीं हुई तो आखिर इसकी ख़रीदी क्यों हुई, किसने तय किया।

लखमा ने दिया जवाब
आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा की इस मामले की जाँच कराई जाएगी और जो दोषी है उस पर कार्यवाही होगी।

रोका छेका के निर्देश जारी करें- बृजमोहन अग्रवाल
बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर लगाया बड़ा आरोप रोका छेका अभियान को लेकर क्या निर्देश जारी करे कि सरकार ने कलेक्टरों को सरकार का यह निर्देश ही गायों की मौत का कारण बना मैं तो यह कहता हूं कि यह गौ हत्या है।
राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही रोका-छेका और गौधन न्याय योजना अभी भी धरातल पर नहीं उतर पाई है।

यही कारण है कि रवेली मार्ग की बात करे या फिर बिलासपुर नेशनल मार्ग या रायपुर मार्ग पर चार पांच की झुंड में मवेशी बीच सड़क पर बैठे नजर आ जाएंगे। इसके चलते दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है। नेशनल मार्ग मे 24 घंटे तेज रफ्तार वाहनों का आवगमन होता है। ऐसे में हादसे की संभावना और भी बढ़ जाती है। छिटपुट हादसे तो रोजाना हो रहे हैं, बावजूद जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतों के अधिकारी-कर्मचारी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है।