छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पर्यटन एवं धार्मिक स्थल का बुरा हाल.. अधिकारियों की लापरवाही से जान में जोखिम डालकर पहुंच रहे हैं श्रद्धालु..

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1 सितंबर 2019, गरियाबंद, परमेश्वर साहू छुरा। छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध घटारानी धार्मिक एवं पर्यटक स्थल से जतमई जाने के लिए दोनों की मध्य दूरी 23 किलोमीटर है। शासन ने 1 साल पहले यहां के विकास के लिए 1 करोड़ 20 लाख स्वीकृत किये थे। वहीं के बीच की दूरी को कम करने घटारानी से जतमई जंगल मार्ग को महज 7 किलोमीटर रास्ता बनाकर यहां से वहा पहुंचने के लिए बनाया गया। घटारानी में इसका निर्माण एजेंसी पाण्डुका वन परिक्षेत्र द्वारा किया गया।

निर्माण एजेंसी ने छः माह पुर्व घटारानी से महज एक किलोमीटर चढ़ाव में मुरूम डालने 13 लाख 70 हजार स्वीकृति राशि का सिर्फ मुरूम खपत किया। अब हांलात यह है कि पर्यटक अपनी जान जोखिम में डाल कर जतमई जाने को मजबूर है। वह विभाग पाण्डुका द्वारा न ही कोई खतरे का निशान लगाया गया और न ही को संकेत बोर्ड। जबकि यहां कई हादसे भी हो चुके है। कम दूरी होने के वजह से पर्यटक घटारानी से जतमई जाने इस मार्ग का इस्तेमाल कर रहे है।

विभाग द्वारा बनाये मौत के इस खौफ़नाक रास्ते में लोग अपनी जान किस तरह जोखिम में डाल रहे है बड़ी मुश्किल में लोग अपना वाहन चढ़ाते और उतारते है।

कभी भी यहां कोई बड़ा हादसा हो सकता है। वही घटारानी समिति के सदस्यों ने वन विभाग पाण्डुका के रेंजर अली पर सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा कर जांच कराने की मांग कर रहे है। वही वन विभाग और प्रशासन एक बड़े हादसे की इंतजार में बैठे है ।

वन परिक्षेत्र पाण्डुका के अधिकारी एएस अली फंड नहीं होने का अलाप कर रहे हैं। उनका कहना हैं कि नये प्रस्ताव में स्वीकृत होने पर बरसात खत्म होने के बाद मरम्मत किया जायेगा।

वन मंडल अधिकारी गरियाबंद कार्यालय को सी सी मार्ग का प्रस्ताव भेजा गया है,पर घटारानी समीति व आने वाले श्रद्धालु, पर्यटक, व्यापारी का कहना है कि अधिकारी जो मरम्मत बरसात के बाद की बात कर रहे हैं जिसका कोई औचित्यहिन हैं। क्योंकि पर्यटक घूमने जुलाई से सितम्बर में ही ज़्यादातर आते है इस समय तक अत्याधिक भीड़ रहता है।ऐसे में पर्यटक इस जर्जर मार्ग से आने जाने के लिए परेशानी झेलने को मजबुर है ।