बीजेपी ने भूपेश सरकार पर लगाया आरोप, कहा- क्वारंटाइन सेंटर में अव्यवस्थाओं के चलते मरीजों की हो रहीं मौत, जवाब में क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानसूत्र सत्र का आगाज हो चुका है और सदन के दूसरे दिन विपक्ष ने सरकार को कोरोना के नाम पर घेरा। विपक्षी दल बीजेपी ने भूपेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्वारंटाइन सेंटर अव्यवस्थाओं से जूझ रहे हैं और जिसकी वजह से कई मरीजों की जान जा रही है। जिससे भारतीय जनता पार्टी ने स्थगन प्रस्ताव की सूचना की मांग की।

बीजेपी ने कहा की कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं। जिससे जानमाल की क्षति हो रही है। प्रदेश भर में क्वारन्टीन सेंटर बनाये गए हैं जिन्हें निश्चित समय तक रखा जा रहा है। क्वारन्टीन सेंटर में लोगों की मौते अव्यवस्था से मौत हो रही है। सांप बिच्छु के काटने से मौत हो रही है। महिला से छेड़छाड़ हो रही है। अव्यवस्था से तंग आकर लोगों की मौत हो रही है।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इसका जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष का यह कहना असत्य है कि अव्यवस्था के कारण मौतें हुई है। जामा बाई बुढ़गहन पामगढ़ की सर्पदंश से मौत नहीं हुई वह ठीक होकर घर जा चुकी थीं और शराबखोरी की शिकायत आई थी जिसकी गंडई थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

करीब 7 लाख लोगों की है व्यवस्था
6 लाख 70 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था की गई थी। पानी बिजली तमाम व्यवस्था की गई थी। चीन में कोरोना की सूचना के बाद दो फरवरी से ही सरकार ने इसकी तैयारी कर ली थी। अस्पताल के सुरक्षा उपकरण की व्यवस्था की गई है। जिसकी प्रतिदिन कोरोना बुलेटिन के माध्यम से जानकारी प्रसारित की गई है। मई तक केवल 3 सक्रिय मरीज थे। प्रवासी मजदूरों के आने के बाद कोरोना बढ़ा है।

चिकित्सकों को इंसेंटिव देने की व्यवस्था
राज्य सरकार ने कोरोना चिकित्सकों को इंसेंटिव देने की व्यवस्था की गई है। निःशुल्क रखने खाने और परिवहन की व्यवस्था की गई है। 108 करोड़ 37 लाख स्वास्थ्य विभाग ने खर्च किये हैं। 7 लाख 94 हजार प्रवासी मजदूर वापस आये हैं।

संसदीय सचिव की नियुक्ति पर सवाल
मानसून सत्र में विधायक अजय चंद्राकर ने संसदीय सचिव के नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए है. विपक्ष लगातार प्रशासन को सवालों में घेरने का प्रयास कर रह है। इसके पहले भाजपा विधायक दल के नेता धरमलाल कौशिक ने लोक निर्माण विभाग में कनिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी देने और वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार करने का मुद्दा उठाया। जिसके बाद सदन का महौल गर्म हो गया।