ब्रेकिंग: बैलाडीला डिपाजिट-13 को रद्द करने राज्य सरकार ने एनसीएल कंपनी को भेजा नोटिस… अब 13 को होगा फैसला…

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रायपुर 7 मार्च, 2020। राज्य सरकार ने बैलाडीला लौह खदान के डिपॉजिट-13 को रद्द करने के लिए एनएमडीसी की संयुक्त उपक्रम कंपनी एनसीएल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि आवंटन के 2 साल बाद भी अभी तक खनन शुरू नहीं किया गया है। जिसके लिए 13 मार्च दोपहर 3:00 बजे तक पक्ष मांगा गया है। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि 13 मार्च को इस विषय पर सुनवाई होगी। जिसमें आवेदन के संबंध में अपना पक्ष एनसीएल कंपनी अपना प्रस्तुत कर सकता है।

पढ़े पूरे नोटिस की कॉपी

  • राज्य सरकार ने एनएमडीसी के संयुक्त उपक्रम कंपनी एनसीएल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
  • नोटिस में सरकार ने कहा कि क्यों न बैलाडीला में आबंटित खदान को रद्द कर दिया जाए ?
  • सरकार ने इसका शर्तों के मुताबिक 2 साल खनन शुरू न होना बताया है।
  • बता दें बैलाडीला में संयुक्त उपक्रम एनसीएल ने मोदी के करीब उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी को एमडीओ के जरिए खनन काम दिया है।
  • एनसीएल को नोटिस राज्य सरकार की ओर कराई गई जाँच के अधार पर दिया गया है।
  • जाँच में सरकार पाया है कि खनन के लिए ग्राम सभा की अनुमति आवश्यक थी, लेकिन वो ली नहीं गई थी।
  • रिपोर्ट के मुताबिक 4.7.2014 में ग्राम हिरोली में ग्राम सभा का आयोजन हुआ नहीं था।
  • अधिकारियों ने फर्जी रिपोर्ट बना दी थी। रिपोर्ट में उन लोगों के नाम है जिनकी मृत्यु हो चुकी है।
  • मतलब अंगूँठे के निशान फर्जी पाए गए। इसके आधार पर रिपोर्ट में कंपनी की पूरी प्रकिया को ही शून्य बताया गया है।
  • इस रिपोर्ट के बाद वन विभाग खनन के लिए दी गई पर्यावरणीय अनुमति पर पुनर्विचार कर रहा है।
  • माना जा रहा है कि सरकार का यह फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी के अडानी के लिए तगड़ा झटका है।
  • दरअसल पूर्व की भाजपा सरकार ने विधानचुनाव के दौरान ही आनन-फानन में खनन के लिए अपनी स्वीकृति दे दी थी। यह स्वीकृति भी सवालों के घेरे में है।
  • गौरतलब है कि भाजपा के शासनकाल में अडानी को उत्तर छत्तीसगढ़ में कोयला के कई खदानें एमडीओ के जरिए मिली हुई है।
  • जिसे लेकर लगातार शिकायतें मिलती रही हैं। इन शिकायतों में फर्जी ग्राम सभाओं की अनुमति हासिल करना भी शामिल है।
  • कांग्रेस की सरकार बनने के बाद प्राप्त शिकायतों के आधार एक्शन लिया गया है।
  • बस्तर में ग्रामीणों की शिकायतों और आंदोलन के बाद जाँच शुरू की गई है। जाँच पर लगातार कार्यवाही जारी है।