बजट 2021: समय से मिलेगा बैंक खातों में जमा पर 5 लाख रुपये के बीमा का लाभ….

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इस साल के बजट में वित्त मंत्री ने बैंक खातों में अपनी गाढ़ी कमाई जमा करने वाले डिपॉजिटरों को बड़ी राहत दी है. बजट की यह घोषणा इसलिए अहम है क्योंकि यस बैंक और पीएमसी बैंक जैसी घटनाओं के बाद बैंक में जमा राशि की सुरक्षा को लेकर डिपॉजिटर्स की चिंताएं भी बढ़ी हैं.

समय पर मिलेगा 5 लाख के डिपॉजिट बीमा लाभ
पिछले साल बजट में सरकार ने बैंक डिपॉजिट पर बीमा सुरक्षा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था. जमा बीमा और ऋण गांरटी निगम अधिनियम-1961 (DICGC Act) में आवश्यक संशोधन कर यह बीमा कवर बढ़ाया गया था, लेकिन अब इसका लाभ बिना परेशानी जल्द से जल्द ग्राहकों को मिल सके, इसका प्रावधान बजट में किया गया है.

क्या कहा गया है बजट में
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘यदि कोई बैंक अस्थायी रूप से अपने दायित्वों का निर्वहन करने में असफल हो जाता है तो ऐसे बैंक में जमा करने वाले व्यक्ति आसानी से और समय से अपनी जमाराशि को उस सीमा तक हासिल कर सकेंगे जितने पर उन्हें बीमा सुरक्षा मिली है.’ इसके लिए जमा बीमा और ऋण गांरटी निगम अधिनियम-1961 में संशोधन का प्रस्ताव मौजूदा बजट सत्र में ही लाया जाएगा.

ग्राहकों को क्या फायदा?
सरकार के इस प्रावधान से डिपॉजिटर्स को किसी बैंक के डूबने की स्थिति में तो लाभ होगा ही. साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक किसी बैंक के कामकाज करने पर निश्चित अवधि के लिए रोक लगाता है तो उस स्थिति में भी डिपॉजिटर्स को ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ेगा. ग्राहकों को उनकी जमा राशि पर मिलने वाली बीमा सुरक्षा का लाभ जल्द से जल्द मिल जाएगा. इसके लिए एक निश्चित समयसीमा होगी जिसके अंदर-अंदर बीमा सुरक्षा उपलब्ध कराने वाले निकाय को डिपॉजिटर्स को जमा राशि देनी होगी.

इसी महीने 11 जनवरी को जब भारतीय रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के वसंतदादा नगरी सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द किया था तो साथ में ही जानकारी दी थी कि बैंक का लाइसेंस रद्द करने और लिक्विडेशन शुरू होने के साथ ही उसके डिपॉजिटरों का पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. RBI ने कहा लिक्विडेशन के बाद बैंक के ग्राहक जमा बीमा एवं कर्ज गारंटी निगम (DICGC) से पांच लाख रुपये तक की जमा राशि वापस पाने के हकदार होंगे. ऐसे में बैंक के लगभग 99 प्रतिशत ग्राहकों को पूरी रकम वापस मिल जाएगी. हालांकि जमा की वापसी के लिए नियम और शर्तें तय करने का अधिकार DICGC को दिया गया था