पोर्टा केबिन में मलेरिया से छात्र की मौत का मामला.. विधानसभा में बृजमोहन ने उठाया मुद्दा…

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रायपुर 2 मार्च, 2020। धान खरीदी केंद्रों में बारदानों की कमी को लेकर नाराज किसान सड़क पर आ गए, उन पर पुलिस की लाठियां बरस गई और इधर सरकार विधानासभा में कहती है की बारदाने की कमी को लेकर कोई शिकायत ही उन तक नहीं पहुंची। आज विधानसभा में वरिष्ठ भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल द्वारा इस संबंध में चाही गई जानकारी पर आदिम जाति विकास मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने लिखित जवाब में यह बात कही।

बृजमोहन अग्रवाल ने जानना चाहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर कितनी सहकारी समिति से धान की खरीदी की जा रही है? समितियों में कितना बारदाना सप्लाई किया जा रहा है और यह बारदाना कहां-कहां से किस आधार पर खरीदा गया है? बृजमोहन ने यह भी जानकारी चाही की बारदानों की कमी के संबंध में किन-किन समितियों से शिकायत आई थी? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या समितियों द्वारा किसानों से तौल में अधिक लेने की शिकायत भी प्राप्त हुई है?यदि हुई है तो कहां कहां जांच पर जांच बिठाई गई है? श्री अग्रवाल ने यह भी पूछा कि समितियों में प्रतिदिन एक किसान से कितने क्विंटल धान खरीदने के निर्देश थे और यह निर्देश किसने जारी किए थे?

बृजमोहन अग्रवाल के उक्त सवालों पर प्रदेश सरकार के आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने लिखित जवाब में बताया कि वित्तीय वर्ष 2019- 20 में समर्थन मूल्य पर 1288 सहकारी समितियों द्वारा धान खरीदी की जा रही है। इन समितियों में 450, 260 गठान बारदाना आपूर्ति की गई है। नए बारदाने की खरीदी जुट कमिश्नर वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार से तथा पुराने बारदाने की आपूर्ति मिलरों एवं पीडीएस दुकानों से की गई है।

उन्होंने बताया कि बारदानों की कमी के संबंध में कोई शिकायत जानकारी में नही आयी, परंतु बारदानों की मांग जिला बिलासपुर,मुंगेली, बस्तर, बीजापुर,दंतेवाड़ा, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा से प्राप्त हुई थी जहां पर बारदाना आपूर्ति छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा की गई। उन्होंने बताया कि किसानों से अधिक तोल की शिकायत भी संज्ञान में नहीं आई है। तथा समितियों में प्रतिदिन एक किसान से धान खरीदी की कोई सीमा निर्धारित नहीं किये जाने को बात भी उन्होंने कही।