छत्तीसगढ़ : सियासी अखाड़े में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बीच शुरू हुई जुबानी जंग…..

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव आने में अभी समय है, लेकिन उससे पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर सीएम भूपेश बघेल लगातार केंद्र सरकार पर हमला कर रहे हैं। इनके हमलों का मुंहतोड़ जवाब पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह दे रहे हैं। इनके सियासी अखाड़े को देख ऐसा लगता है जैसे 2023 के चुनाव के लिये छत्तीसगढ़ का सत्ता संग्राम शुरू हो चुका है?

वार-पलटवार जारी

छत्तीसगढ़ के सियासी अखाड़े में इन दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह आमने-सामने हैं। राष्ट्रीय और राज्य के बड़े मुद्दों पर दोनों के बीच वार-पलटवार जारी है। इस बार जुबानी जंग नागुपर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शुरू हुई है। दरअसल सीएम बघेल ने मीडिया के सामने महंगाई, जनसंख्या नीति समेत कई मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार को घेरा, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कारपोरेट हितैषी देश चला रही है। सिर्फ और सिर्फ सब कुछ बेच डालूंगा कि नीति पर चल रही है, उन्होंने कहा कि बीजेपी अकेले नहीं लड़ती है। उनके साथ ईडी पार्टी, आईटी पार्टी और सीबीआई पार्टी भी लड़ती है। सीएम ने सिंधिया को उड्डयन मंत्री बनाने पर मोदी सरकार पर तंज कसा..तो केन्द्र सरकार पर राज्यों के अधिकारों पर हस्तक्षेप करने का आरोप भी लगाया।

कांग्रेस में स्वाभिमानी लोग नहीं रह सकते : रमन सिंह

नागपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा तो…रायपुर में पूर्व सीएम रमन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर सभी आरोपों का जवाब दिया, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी असफलता छिपाने के लिए केंद्र पर दोषारोपण कर रही है। वहीं सिंधिया के मुद्दे पर पलटवार किया कि..कांग्रेस में स्वाभिमानी लोग नहीं रह सकते। न केवल राष्ट्रीय मुद्दों पर दोनों नेता एक दूसरे पर हमलावर हैं। बल्कि राज्य के बड़े मुद्दों को लेकर भी आरोप-प्रत्यारोप का क्रम जारी है।

2023 के पहले अपनी-अपनी जमीन पक्की कर रहे हैं नेता

साफ है कि केंद्र में काबिज भाजपा से अगर कांग्रेस का कोई नेता दमदारी से टक्कर लेता नजर आता है तो वो हैं छत्तीसगढ़ में भरपूर जनाधार वाली सरकार चला रहे भूपेश बघेल, जो राज्य के हक से जुड़े मुद्दों पर तो केंद्र सरकार को जमकर घेरते ही हैं, साथ ही अक्सर राष्ट्रीय मुद्दे पर भी मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करने से नहीं चूकते है। ऐसे में उनके खिलाफ राज्य से रमन सिंह का मोर्चा खोलना स्वाभाविक है। बड़ा सवाल ये कि इस वार-पलटवार के दौर से क्या 2023 के पहले अपनी जमीन पक्की कर रहे हैं नेता ?