छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र का आगाज, अजीत जोगी को याद करके भावुक हुआ सदन, रखा दो मिनट का मौन..

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रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र का आगाज आज से हो गया है और इसके शुरू होते ही आज पूरे सदन ने प्रदेश के पहले सीएम और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के मुखिया दिवंगत अजीत जोगी को याद करके श्रद्धांजलि दी और सदन में दो मिनट का मौन किया गया। सदन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अजीत जोगी सपनों के सौदागर थे, जब अजीत जोगी मुख्यमंत्री थे तब मैं राजस्व मंत्री था। उन्होंने मेडिकल साइंस को फेल कर दिया था। जोगी जी का जब मेजर एक्सीडेंट हुआ था अजीत जोगी का सभी डॉक्टर ने कहा था कि 10 साल से ज्यादा जिंदा नहीं रहेंगे, लेकिन उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से अजीत जोगी ने मेडिकल साइंस को भी फेल कर दिया था।

प्रभावित करने का था गुण
सीएम बघेल ने कहा कि 10 फरवरी 2020 को उनके साथ आखिरी बड़ा कार्यक्रम था। उस दिन मरवाही पेंड्रा गौरेला जिला बनाने की घोषणा हुई थी वहां पर अजीत जोगी ने मुझे धन्यवाद दिया था। वे जीते जी किवदंती बन गए थे। अजीत जोगी से जो एक बार मिल लेता था वह उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता था। साथ ही बघेल ने पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे को भी याद किया। एलएसी पर शहीद हुए जवानों को भी सीएम बघेल ने श्रद्धांजलि दी।

नेता प्रतिपक्ष ने किया जोगी को याद
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा की वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। वे आईपीएस और आईएएस के रूप में सफल हुए, शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया । अविभाजित मध्यप्रदेश में कलेक्टर के रूप में कई जिलों में उन्होंने काम किया। छत्तीसगढ़ में भी कलेक्टर के रूप में उन्होंने काम किया।। कलेक्टर के रूप में काम करते हुए राजनीति के क्षेत्र से उनका जो लगाव उसे सब जानते हैं। उनके जीवन में संघर्ष उनके साथ हमेशा बना रहा। यह कहा जा सकता है कि जीवन कम पड़ गया लेकिन संघर्ष खत्म नहीं हुआ।

धर्मजीत सिंह ने किया याद
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक दल के नेता और विधायक धर्मजीत सिंह ने जोगी को याद करते हुए कहा की हिंदुस्तान में दो तीन पद होते हैं जिंदगी में सब की चाहत होती है कि डीएम बन जाए सीएम बन जाए या पीएम बने जो भी सहज सरल और मंत्र बोलने वाली भाषा में बात करते थे। वे प्रकृति से टकराते थे व गरीबी में जीवन भी जीया। छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों के लिए जिये।वे कहते थे धंधे करने का काम सरकार का नहीं है।। तेंदूपत्ता की नीति भी उनकी देन है, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में खरीदी आज भी उसी से हो रही है। धान खरीदी का निर्णय भी देश मे पहली बार उन्होंने लिया।

रेणु जोगी हुई भावुक
कोटा से विधायक रेणु जोगी ने अजीत जोगी को श्रद्धांजलि देते हुए सदन में भावुक हो गई। उन्होंने कहा कि आप लोगों ने मेरे पति के बारे में इतनी अच्छी बातें कहीं मैं जीवन भर आभारी रहूंगी।

ये सभी सदस्य हुए शामिल
बैठक में विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष धरमपाल कौशिक, संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे, विधायक बृजमोहन अग्रवाल समेत समिति के अन्य सदस्य मौजूद रहे। कोंडागांव विधायक और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम सेल्फ क्वारंटाइन हुए हैं वे इस बैठक में मौजूद नहीं थे। मरकाम एक दिन पहले एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा के साथ कई कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। मरकाम ने कहा कि उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद वे सदन की कार्यवाही में शामिल होंगे।