10 जून 2019, रायपुर। छत्तीसगढ़ के ज्यादातर किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि की पहली ही किस्त नहीं मिली है। राज्य के करीब 2 लाख 51 हजार 279 किसानों ने योजना के लिए आवेदन किया था। इनमें 1 लाख 11 हजार 818 पात्र पाए गए हैं। केंद्र सरकार की बेबसाइट के अनुसार पात्र पाए गए इन सभी लोगों को पहली किस्त की राशि दे दी गई है। इसके विपरीत राज्य के कृषि विभाग के अफसरों के अनुसार यहां के केवल 88 हजार किसानों को ही पहली किस्त की राशि मिली है। कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि केंद्र सरकार ने योजना के तहत राज्य के 88 हजार किसानों के लिए 22 करोड़ रुपए की राशि दी थी।
अफसर के अनुसार बाकी किसानों के लिए जब राशि आएगी तब उनके खाते में डाल दी जाएगी। इस बीच राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही इस मामले में सियासत गरमाई हुई है। विपक्षी दल भाजपा का आरोप है कि राज्य सरकार ने किसानों की जानकारी ही केंद्र सरकार को नहीं भेजी तो उन्हें सम्मान राशि कैसे मिलेगी। राज्य विधानसभा के पहले सत्र में इसको लेकर काफी हंगामा भी हुआ था।
करीब 37 लाख किसान
छत्तीसगढ़ में किसानों का कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। धान उत्पादक किसानों की संख्या करीब 15 लाख के आसपास है। वहीं राज्य में कुल 37 लाख किसान होने का अनुमान है। इनमें ज्यादातर लघु और सीमांत हैं।
रिकार्ड सही नहीं होने के कारण अटकी राशि
कृषि विभाग के अफसरों ने बताया कि ज्यादातर मामलों में आवेदन की गड़बड़ी से कई किसान अपात्र हो गए हैं। दरअसल ज्यादातर मामलों में हुआ यह है कि जमीन परिवार के किसी दूसरे सदस्य के नाम पर है और बैंक खाता किसी और सदस्य का दे दिया गया है। ऐसे मामलों में केंद्र सरकार ने राशि रोक दी है।