छत्तीसगढ़ : यूनिसेफ और एनएसएस की अभिनव पहल, अचीवर्स की पहली स्पीकर श्रृंखला का हुआ आयोजन, संघर्ष से निपटने और सफलता पाने के दिए मंत्र…

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छत्तीसगढ़, 27 नवंबर 2021। रायपुर। यूनिसेफ ने एनएसएस छत्तीसगढ़ के सहयोग से आज यहां युवा अचीवर्स की पहली स्पीकर श्रृंखला का आयोजन किया है। प्रतिभावान युवाओं के माध्यम से युवाओं को प्रेरित और सामने आने वाली चुनौतियों के सज्ज करने के लिए युवा स्पीक्स का आयोजन हुआ, जहां युवाओं ने सफल युवाओं की बात सुनी।

युवा वक्ता अपने जीवन संघर्ष से लेकर सफलता तक की कहानियां बताईं।

युवा स्पीक्स का आयोजन यु-वाह के बैनर तले युवा शक्ति, राष्ट्रीय सेवा योजना, यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। इसके पश्चात यूनिसेफ प्रमुख छत्तीसगढ़ जोब ज़कारिया ने युवा शक्ति पर संदर्भ वक्तव्य रखते हुए कहा कि यूनिसेफ का उद्देश्य है युवाओं के लिए निरंतर बेहतर काम करने का, उन्हें मानसिक, वैचारिक आधार प्रदान करने का जो उनके लिए हितकारी हों।

इसके बाद युवाओं ने अपनी बात रखी,

पर्वतारोही चित्रसेन साहू ने बताया कि संघर्ष मौन होकर करें तो सफलता शोर मचाती है। जीवन हमें अनेकों मोड़ देगी, निर्णय हमारा होता है कि सफलता के साथ कोई समझौता न हो। लेखन क्षेत्र में सफलता हासिल करने वाली सुप्रसिद्ध लेखिका अंकिता जैन ने कहा कि सिर्फ लाइक और फ़ॉलो के लिए मत लीजिए, समाज की सच्चाई को दिखाने के लिए लिखिए। मलखम्ब कोच मनोज प्रसाद जिन्होंने 2016 में अबूझमाड़ के आदिवासी बच्चों को मलखम्ब सिखाया और अब तक नारायणपुर के 163 बच्चे, जिन्हें इन्होंने प्रशिक्षित किया है, सभी 163 बच्चे मेडल प्राप्त कर चुके हैं। आर्थिक चुनौतियों और कड़े संघर्षों से डटकर मुकाबला कर अपना जुनून पूरा करने वाली नैना सिंह ने कहा कि मैंने कभी अपना मनोबल कमजोर नहीं होने दिया,

मैंने इसी आत्मबल के दम पर माउंट एवरेस्ट क़िला को फ़तह किया।

अपने स्वयं के बल पर छात्र राजनीति से एक कुशल राजनीतिज्ञ बनने वाले वर्तमान विधायक देवेंद्र यादव ने अपनी बात में कहा कि अपने आप पर एवं अपने साथियों पर भरोसा रखिए, ज़िंदगी में बहुत उतार चढ़ाव आए लेकिन रुका नहीं, मेरे लक्ष्य के प्रति मेरी निरंतरता बनी रही। रचनात्मक समुदाय ‘द लोकल’ की संस्थापक पारुल खुराना ने बताया कि कैसे एक ही प्लेटफार्म का उपयोग कर उन्होंने अनेकों आयोजन को एकजुट किया। कुछ हटकर सोचना अपनी सोच को साकार करना, हमारे हौसलों पर निर्भर करता है, अडिग रहकर अथक श्रम हमें सफल बना ही देता है। छत्तीसगढ़ फिल्मों के सुप्रसिद्ध अभिनेता अनुज शर्मा ने अपनी चुनौती से सफलता तक की बात में कहा कि भाटापारा से निकलकर रायपुर आना और यहां फिल्मों में खुद को साबित करना, पूरे छोलीवुड में ख़ुद की पहचान बनाना, मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी, लेकिन आपका आत्मविश्वास हर मुश्किल से जीत दिला देता है।