सब नेताओं के बच्चे और नाती, पोते सभी शामिल हो जाएंगे तो हम आम कार्यकर्ता कहां जाएंगे.. PCC की कार्यकारिणी घोषणा के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का छलका दर्द…

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रायपुर 18 मार्च, 2020।  छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संगठन और जिला अध्यक्षों की नई सूची जारी करने के बाद अब आम कार्यकर्ता मायूस हो गए है। कांग्रेस के कार्यकर्ता वाट्सअप पर लगातार पार्टी के विरोध में बयानबाजी कर रहे है। कुछ कार्यकर्ताओं को इतनी मासूमियत से विरोध कर रहे है कि आप पढ़ेंगे तो एक बार उस विषय पर सोचने मजबूर हो जाएगा। कांग्रेस कार्यकर्ता जो आम कार्यकर्ता है। उनका कहना है कि सब नेताओं के बच्चे नाती पोते सभी शामिल हो जाएंगे तो हम आम कार्यकर्ता कहा जाएंगे।

PCC की कार्यकारिणी की घोषणा के बाद जहां एक तरफ नियुक्त किये गए पदाधिकारियों के समर्थक काफी उत्साहित है तो दूसरी तरफ आम कार्यकर्ताओं का दर्द छलक उठा है। कांग्रेस कार्यकर्ता न तो खुलकर विरोध कर पा रहे है और ना ही खुलेआम बयानबाजी कर रहे है। लेकिन कुछ वाट्सअप ग्रुप में कार्यकर्ताओं का विरोध देखने मिल रहा है। उनकी दलील है कि हम शिकायत करें भी तो कहा करें। आखिरकार हमें तो पार्टी में ही रहना है। लेकिन कांग्रेस में परिवारवाद का कार्यकर्ताओं ने पुरजोर विरोध किया है।

कार्यकर्ताओं में नाराजगी सिर्फ परिवारवाद तक सीमित नहीं है। ब्लकि छत्तीसगढ़िया सरकार मानी जानी वाली छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार बाहरी लोगों को ज्यादा तवज्जो देने से भी खासे नाराज है। बाहरी लोगों को पद दिये जाने का विरोध करते हुए कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को जीत सिर्फ इस शर्त पर मिली है  कि छत्तीसगढ़ के लोगों की अस्मिता को बचाए रखना है। लेकिन इस कार्यकारिणी में कई ऐसे नाम है मूलत: दूसरे राज्यों के है। इसके साथ ही हारे में प्रत्याशियों को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिलने से भी उनके समकक्ष नेता धीमी आवाज में विरोध कर रहे है। लेकिन अभी भी उन्हें निगम-मडंल, आयोगों में जगह मिलने की उम्मीद है।

नेताओं और मंत्रियों के बेटे, बेटी और पत्नी को शामिल करने से नाराज  

एक कार्यकर्ता ने अपने वाट्सअप कमेंट में लिखा कि सब नेताओं के बच्चे और नाती पोते सभी शामिल हो जाएंगे तो आम कार्यकर्ता कहां जाएंगे। ये सवाल को सभी कार्यकर्ताओं के मन में जुरु उठता होगा। यहीं वजह है कि नेताओं और मंत्रियों के बेटे, बेटी और पत्नी को शामिल करने से कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज हो गए है। गौरतलब है कि PCC की कार्यकारिणी की सूची में पीडब्लूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू के बेटे जितेंद्र साहू, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया और विधायक सत्यनारायण शर्मा के बेटे पंकज शर्मा के साथ ही वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम की बेटी प्रीति नेताम को भी शामिल किया गया है।

मैदान में जरुरी हारे लेकिन आलाकमान का दिल जीता.. इसलिए मिली संगठन में जगह..

विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हारने वाले नेताओं को संगठन में अहमियत दी गई है। हारने वाले नेताओं में अटल श्रीवास्तव, गुरूमुख सिंह होरा, कन्हैया अग्रवाल और प्रतिमा चंद्राकर को भी कार्यकारिणी में जगह मिली है। दरअसल लोकसभा चुनाव में बिलासपुर से कांग्रेस ने अटल श्रीवास्तव को टिकट दिया था लेकिन उन्हें भाजपा के अरुण साव से हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह दुर्ग लोकसभा से कांग्रेस कैडिंडेट प्रतिमा चंद्राकर को विजय बघेल से रिकार्डतोड़ मतो से हार का सामना करना पड़ा। वहीं विधानसभा चुनाव में गुरुमुख सिंह होरा को धमतरी सीट गवानी पड़ी। जबकि रायपुर दक्षिण से कांग्रेस कैडिडेंट कन्हैया अग्रवाल ने बृजमोहन को काफी टक्कर दी थी लेकिन कांग्रेस की आंधी में पार नहीं लगा पाए। कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशियों को बार-बार हर जगह पर दोहराना, कार्यकर्ता अपने को ठगा महसूस करने लगे है।

40 की टीम में अकेले 11 बस्तर के…

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम मूलत: बस्तर से आते है। ऐसे में उन्होंने बस्तर को मजूबत करने के लिए अपनी टीम में बस्तर को खास तवज्जो दिया है, 40 सदस्यीय कार्यकारिणी में अकेले बस्तर संभाग से 11 सदस्य हैं। जबकि दूसरे अन्य संभागों से एक दो नेताओं को ही कार्यकारिणी में शामिल किया गया है।