एक महीने तक टीवी चैनलों पर नहीं दिखेंगे कांग्रेसी, आखिर संगठन ने क्यों लिया ऐसा फैसला जानिये…

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30 मई 2019, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के शर्मनाक प्रदर्शन के बाद एक के बाद एक पार्टी की ओर से सख्त फैसले लिए जा रहे हैं। इस बार कांग्रेस पार्टी की ओर से अहम फैसला लिया गया है, जिसमे पार्टी ने तमाम पार्टी प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट में हिस्सा लेने से रोक दिया है। पार्टी ने फैसला लिया है कि अगले एक महीने तक वह किसी भी न्यूज चैनल में अपने प्रवक्ता को नहीं भेजेगी। कांग्रेस पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने इस बात की जानकारी ट्विटर के माध्यम से दी है। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस ने फैसला लिया है कि वह अगले एक महीने तक किसी भी न्यूज चैनल की बहस में हिस्सा लेने के लिए अपने प्रवक्ता को नहीं भेजेगी।

हमे न्योता ना भेजें

इसके साथ ही रणदीप सुरजेवाला ने तमाम मीडिया चैनल्स से अपील की है कि वह अपनी डिबेट में कांग्रेस के प्रवक्ता को न्योता ना भेजे। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि सभी मीडिया चैनल्स, एडिटर्स से अपील है कि वह कांग्रेस प्रवक्ताओं को अपने कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता ना भेजें। बता दें कि कांग्रेस की ओर यह फैसला ऐसे वक्त लिया गया है जब पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी को इस बार सिर्फ 52 सीटों पर ही जीत हासिल हो सकी है। जिसके बाद से पार्टी के भीतर नेतृत्व को लेकर सवाल खड़ा हो रहा है।

राहुल ने ली थी हार की जिम्मेदारी

चुनाव में हार के बाद पार्टी के तमाम नेताओं ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है। यहां तक कि कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है, हालांकि उन्हें पार्टी के तमाम दिग्गज नेता मनाने में जुटे हैं। लेकिन बावजूद इसके राहुल गांधी अपने फैसले पर अडिग हैं और उन्होंने पार्टी के नेताओं को साफ कर दिया है कि वह बेहतर विकल्प की तलाश करें। साथ ही राहुल गांधी ने यह भी कहा है कि उनकी मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी को भी इस जिम्मेदारी से दूर रखा जाए और किसी अन्य चेहरे की तलाश की जाए।

अगले कुछ महीने अध्यक्ष बने रहेंगे राहुल

सूत्रों की मानें तो अगले कुछ महीनों तक राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे। दरअसल पार्टी के नेताओं का मानना है कि अगर राहुल गांधी इस तरह का कोई फैसला लेते हैं तो इससे पार्टी के भीतर नकारात्मक माहौल बनेगा। यही वजह है कि अगले कुछ महीनों तक उन्हें पार्टी के अध्यक्ष का पद संभालने के लिए कहा गया है। जबतक राहुल गांधी के विकल्प की तलाश नहीं पूरी हो जाती है, तब तक उनसे गुजारिश की गई है कि वह पार्टी की कमान संभालते रहे। कई राज्य प्रभारियों ने भी अपील की है कि राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष पद पर बन रहे।

राहुल को मनाने की कोशिश

तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव बोल्लू किशन ने ऐलान किया है कि अगर राहुल गांधी अपना इस्तीफा वापस नहीं लेते हैं तो वह अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे। वहीं कर्नाटक में कांग्रेस लेजिस्लेटर पार्टी ने भी इसको लेकर एक विश्वास प्रस्ताव पास किया है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने भी बुधवार को राहुल गांधी से अपील की है कि वह अपना फैसला वापस ले लें। शीला दीक्षित ने राहुल गांधी के घर पर जाकर उनसे मुलाकात की थी। हालांकि राहुल से मुलाकात के बाद उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार किया था।

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