कांग्रेस नेता एरन की आत्महत्या मामला: एफआईआर दर्ज होने के बाद भी नहीं हो पा रही ठेकेदार सुशील अग्रवाल और नितेश सिंघानिया की गिरफ्तारी.. पुलिस ने भेजा नोटिस..

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महासमुंद 1 अगस्त, 2019। पिथौरा के जाने-माने कांग्रेस नेता श्याम सुंदर एरन की आत्महत्या मामले में पुलिस के रवैये को लेकर कांग्रेस नेताओं की नाराजगी बढ़ती जा रही है। उधर महासमुंद पुलिस ने दोनों ठेकेदारों को नोटिस भेज दिया है, लेकिन दोनों अभी पुलिस के समक्ष नहीं पहुंचे हैं।

एरन ने मरने से पहले लिखे सुसाइड नोट में रायपुर/कोरबा के श्रीकिशन कंपनी के सुशील अग्रवाल और बिलाईगढ़ के नितेश सिंघानिया को आत्महत्या का जिम्मेदार बताया था। ये दोनों सड़क ठेकेदार श्याम सुंदर एरन का करीब 4 करोड़ रुपया नहीं लौटा रहे थे। इन दोनों से प्रताड़ित होकर एरन ने आत्मघाती कदम उठा लिया और अपनी मौत का जिम्मेदार सुशील और नितेश को ठहराया है। सूत्र बता रहे हैं कि सुशील एक न्यूज पोर्टल भी चलता है। उसके बल पर वो मामले से बचने की कोशिश कर रहा है। वहीं नितेश सिंघानिया भाजपा का कार्यकर्ता बताया जा रहा है। वो ठेकेदारी के साथ भाजपा से भी जुड़ा था। स्थानीय लोगों की माने तो वो पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का करीबी बताइस जा रहा है। सुशील के भी भाजपा से पुराने कनेक्शन रहे हैं।

पिथौरा पुलिस ने मृतक के परिजनों की शिकायत पर दोनों ठेकेदारों के खिलाफ धारा 306 व 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इस धारा के तहत 10 साल की सजा का प्रावधान है। लेकिन चौकाने वाली बात ये है कि कांग्रेस सरकार में ठेकेदारों के दवाब में एक कांग्रेस नेता के आत्महत्या कर लेने के बाद भी पुलिस कार्रवाई करने में डर रही है। महासमुंद के एक कांग्रेस नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि यदि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

उधर, महासमुंद पुलिस अधीक्षक सन्तोष सिंह ने सीजी मेट्रो को बताया कि पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। परिजनों के बयान ले लिए गए हैं। दोनों ठेकेदारों को नोटिस भेजा गया है। पैसों के लेनदेन की भी जांच हो रही है। गिरफ्तारी भी जल्द की जाएगी।

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