रायपुर 21 जून, 2019। छत्तीसगढ़ में इन दिनों एक फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो को सभी वर्ग के लोग शेयर करने में लगे है। ऐसे में राजधानी के एक पत्रकार ने भी सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर किये। जिसके बाद क्या था कांग्रेस नेता उनपर टूट पड़े। और पत्रकार शंशाक शर्मा के इस पोस्ट को जमकर ट्रोल कर रहे है। हालांकि पत्रकार ने इसके लिए बाद में माफी भी मांग ली। उन्होंने कहा कि इसे मैंने ध्यान से नहीं देखा था। ये मेरी पहली गलती थी। इसे मैंंने बिना जांचे परखे शेयर कर दिया था। कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने पत्रकार के पोस्ट पर क्या कहा.. आप भी पढ़िए..
कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि भाजपाई पत्रकार जी और कितना झूठ फैलाएंगे आप? घटना गुजरात के सूरत शहर की है छत्तीसगढ़ की नहीं। अगर ईश्वर ने आपको बुद्धि दी है और आप उसका इस्तेमाल भी करते हैं तो वीडियो को ध्यान से देखिए, पुलिस वाहन पर सूरत साफ-साफ लिखा हुआ है। अब अगर झूठ फैलाने और सरकार को बदनाम करने के लिए आप के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई हो जाए तो फिर आप छाती पीटते घूमेंगे और अपने आप को बचाने के लिए पत्रकारिता का चोला ओढ़ लेंगे।
बेहतर है सार्वजनिक रूप से माफी मांग लीजिए और स्वीकार कीजिए कि आप पत्रकार नहीं भाजपा के प्रचारक हैं।
पत्रकार ने ये किया था पोस्ट
पत्रकार ने बाद में मांग ली माफी.. कहा- मैंने बिना जांचे कर दिया था शेयर..
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ पुलिस हाइवे में वसूली कर रही है। जबकि इसकी सच्चाई कुछ और ही है। स्क्रीनशॉट लेकर देखने से स्पष्ट पता चलता है कि जो महिला पुलिस अधिकारी दिख रही है उसके बाएं कंधे पर एक मोनो ( युनिट प्रतीक ) लगा है जो छत्तीसगढ़ में नहीं लगाया जाता है। इसी प्रकार लेन यार्ड भी अलग कलर सफेद खाकी रंग का है। जो छत्तीसगढ़ में धारित नहीं किया जाता। भीड़ के एक व्यक्ति के टीशर्ट पर वाइकल लिखा है जो संभवत तमिलनाडु में आता है।
इस वीडियो में गुजरात पासिंग ऑर्टिका वाहन दिख रहा है। इसी प्रकार से लाल नीली बत्ती लगे पुलिस वाहन में सूरत रूलर दिख रहा है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि वायरल किया गया वीडियो गुजरात राज्य का प्रतीत होता है। जिसे किसी व्यक्ति द्वारा बगैर सत्यापित किए हुए राजनांदगांव हाईवे पर वसूली का दर्शाते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस की छवि खराब करने के उद्देश्य से विभिन्न ग्रुपों में प्रसारित किया जाना अत्यंत निंदनीय है। किसी घटना का विजुअल्स अथवा वीडियो बगैर सत्यापन के सोशल मीडिया पर प्रसारित करने की छत्तीसगढ़ पुलिस निंदा की है।