लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल को लेकर हंगामा, कांग्रेस ने किया तीन तलाक बिल का विरोध, रविशंकर प्रसाद बोले- कष्ट की बात है, तीन तालाक धर्म का नहीं बल्कि ‘महिला न्याय’ का मुद्दा..

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21 जून 2019, नई दिल्ली। मुस्लिम समाज में तीन तलाक की प्रथा को लेकर शुक्रवार को लोकसभा में ताजा बिल पेश हुआ है। सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल पेश किया है इसे लेकर लोकसभा में हंगामा शुरू हो गया है। विपक्ष इस बिल का जोरदार विरोध कर रहा है। रअसल ये बिल पिछली भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार द्वारा फरवरी में जारी मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 की जगह लेगा। बीते माह 16वीं लोकसभा भंग होने पर राज्यसभा में ये बिल स्थगित रह गया था। रविशंकर प्रसाद ने कहा- ये बड़े कष्ट की बात थी कि कांग्रेस ने ट्रिपल तलाक विधेयक का विरोध करने का विकल्प चुना।

जेडीयू की ओर केसी त्यागी ने कहा, ट्रिपल तलाक बिल के पुराने स्वरूप का हम विरोध करते हैं। एनडीए की किसी बैठक में आपसी सहमति का कोई प्रयास कभी नहीं किया गया। अगर पुराने स्वरूप में बिल रहा तो हम इसके खिलाफ ही वोट करेंगे।

‘दुख की बात है कि कांग्रेस बिल का विरोध कर रही हैं’

बिल पेश किए जाने के बाद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि- ये बड़े कष्ट की बात थी कि कांग्रेस ने ट्रिपल तलाक विधेयक का विरोध करने का विकल्प चुना। इससे पहले उन्होंने इसका विरोध नहीं किया था। पिछली बार वे लोकसभा से बाहर चले गए थे। लेकिन आज वे ओवैसी की पसंद की ओर थे जो इसका विरोध कर रहे थे।

तीन तालाक धर्म का नहीं बल्कि ‘महिला न्याय’ का मुद्दा

उन्होंने आगे कहा कि- हमने हमेशा कहा है कि ट्रिपल तालाक न तो धर्म का मुद्दा है और न ही प्रार्थना का और न ही किसी अन्य सांप्रदायिक विचार का। यह ‘इंसाफ’ का एक शुद्ध और सरल मुद्दा है – महिला न्याय, महिला सम्मान और महिला सशक्तिकरण।

सोनिया गांधी की कांग्रेस महिला विरोधी स्टैंड लेती है

रविशंकर प्रसाद ने इसके अलावा कहा कि सोनिया गांधी जी जैसी महिला कांग्रेस पार्टी की नेता हैं, फिर भी कांग्रेस पार्टी लोकसभा में महिला विरोधी स्टैंड लेती है, यहां तक कि विधेयक को भी पेश करने का विरोध करती है, मुझे कहना होगा कि यह न केवल दर्दनाक है बल्कि गहरा खेदजनक है।

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस बिल का लोकसभा में पास न होना दुखद है। इस बिल को पास कराने के लिए हमारी प्रतिबद्ध है। वहीं, लोकसभा स्पीकर ओपी बिड़ला के सामने संसद में बिल इंट्रोड्यूस हुआ। विपक्ष ने बिल पेश करने पर डिविजन की मांग की। ट्रिपल तलाक बिल के पक्ष में 186 और विपक्ष में 74 वोट पड़े हैं।

कांग्रेस का कहना है कि तीन तलाक बिल मुस्लिम के खिलाफ है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्रिपल तालाक बिल 2019 लाने का विरोध किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 13 जून को मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी। यह फरवरी में घोषित किए गए अध्यादेश का स्थान लेगा। सरकार का कहना है कि यह विधेयक लैंगिक समानता व लैंगिक न्याय सुनिश्चित करेगा। यह शादीशुदा मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण करेगा और ‘तलाक-ए-बिद्दत’ से तलाक को रोकेगा।

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