एलान: रिटायरमेंट के एक दिन पहले केंद्र का तोहफा, जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त..

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नई दिल्ली 30 दिसंबर, 2019। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने एक दिन पूर्व सीडीएस के लिए उम्र सीमा को बढ़ा कर 65 वर्ष करने के बाद इस पद के लिए जनरल रावत के नाम पर मुहर लगाई। मंगलवार को सेना प्रमुख के पद से रिटायर होने से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने जनरल रावत को सीडीएस बनाने की घोषणा कर उन्हें नए साल का तोहफा दिया है। सीडीएस का पद सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों से ऊपर फोर स्टार जनरल के समकक्ष होगा।

गौरतलब है कि वर्ष 1999 में करगिल युद्घ के बाद इस संबंध में गठित की गई करगिल सुरक्षा समिति ने सीडीएस की नियुक्ति का सुझाव दिया था। तब समिति ने कहा था कि देश की सुरक्षा केलिए चुनौतीपूर्ण स्थितियों से निपटने केलिए तीनों सेनाओं के बीच तालमेल-समन्वय स्थापित करना जरूरी है।

इसके लिए सीडीएस की नियुक्ति की जाए। सीडीएस सेना के तीनों अंगों थल सेना, वायुसेना और नौसेना का एकीकृत सैन्य सलाहकार होगा। इसके दो दशक के बाद पीएम मोदी ने बीते स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक सैन्य सुधार की जरूरत बताते हुए सीडीएस की नियुक्ति की घोषणा की थी। तब एनएसए अजित डोभाल की अध्यक्षता में एक कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया था। इस कमेटी ने सीडीएस की नियुक्ति के तौर तरीकों, जिम्मेदारियों और कार्यप्रणाली तय किए थे।

बीते हफ्ते 24 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक में सीडीएस की नियुक्ति पर मुहर लगी थी। इस दौरान इसके चार्टर और कर्तव्य को मंजूरी दी गई थी। इसमें तय किया था कि इस पद को ग्रहण करने वाला व्यक्ति भविष्य में किसी प्रकार का सरकारी पद हासिल करने का पात्र नहीं होगा।

इससे पहले सीडीएस की नियुक्ति की रास्ता साफ करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने सेना के नियमों, 1954 के कार्यकाल और सेवा के नियमों में संशोधन किया था। शनिवार को जारी अधिसूचना में कहा गया था कि सीडीएस प्रमुख 65 साल की उम्र सीमा तक सेवा दे सकेंगे। अगर केंद्र सरकार जरूरी समझे तो सीडीएस को सेवा विस्तार दे सकती है।

क्या होगी सीडीएस की कार्यप्रणाली

  • सीडीएस के अंदर कोई मिलिट्री कमांड नहीं होगा।
  • सीडीएस रक्षा मंत्री के लिए सैन्य सलाहकार की भूमिका निभाएगा।
  • सीडीएस का पद सेना के तीनों अंगों के ऊपर होगा।
  • सीडीएस डिफेंस ऐक्विजीशन काउंसिल ओर डिफेंस प्लानिंग काउंसिल का भी सदस्य होगा।
  • कार्यभार संभालने के तीन वर्ष के अंदर तीनों सेनाओं से जुड़े ऑपरेजशन, लॉजिस्टिक, ट्रांसपोर्ट, ट्रेनिंग, सहायता सेवा, मेंटनेंस, कम्यूनिकेशन में समन्वय बनाएगा।
  • सेना की आधारभूत संरचना का समुचित उपयोग सुनिश्चित करेगा।
  • सेना में स्वदेशी तकनीकी की हिस्सेदारी बढ़ाएगा।
  • बजट के अनुरूप सेनाओं के अंदर कैपिटल ऐक्विजीशन केप्रस्तावों की प्राथमिकता तय करेगा।
  • आधुनिकीकरण और मारक क्षमता बढ़ाने के लिए तीनों अंगों में जरूरी सुधार करेगा।
  • सेना के तीनों अंगों से जुड़ा कोई भी सीडीएस बन सकता है।
  • सीडीएस पद से हटने के बाद सरकारी नौकरी नहीं कर पाएगा, प्राइवेट क्षेत्र में भी रिटायर होने के 5 साल बाद ही सेवा दे पाएगा। इसके लिए भी सरकार से पहले अनुमति लेनी होगी।