कुत्तों के शौकीनों को अब जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी, इस शहर में अब कुत्ते पालने के लिए 5 हजार में लेना होगा लाइसेंस, प्रस्ताव हुआ पास..

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16 सितंबर 2019,गाजियाबाद। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में कुत्तों के शौकीनों को अब जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। गाजियाबाद नगर निगम ने कुत्ता पालने के लिए रजिस्ट्रेशन करा लाइसेंस लेना अनिवार्य बना दिया है। साथ ही रजिस्ट्रेशन की फीस को 100 गुना बढ़ा कर 50 रू. से 5000 हजार रुपये कर दिया है। नगर निगम की बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव पास कर दिया गया है।

बता दें यह कदम गाजियाबाद नगर निगम ने लोगों की बढ़ती शिकायतें को लेकर उठाया है। लोगों की शिकायत रहती है कि उनके घरों के सामने कुत्ते पोटी-पेशाब करते हैं। साथ ही साथ जो सार्वजनिक पार्क में भी कुत्तों द्वारा गंदगी फ़ैलाने की शिकायत मिलती रहती थी।

जुर्माने का भी प्रावधान

अब नगर निगम ने कुत्तों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करते हुऐ फीस 5000 हजार रुपये कर दी है। शहर को साफ और स्वच्छ रखने के साथ ही साथ नगर निगम यह आंकड़ा भी रखना चाहता है कि किस एरिया में कितने कुत्ते हैं और उन्हें समय से रेबीज के इंजेक्शन लग रहे हैं या नहीं। अब निगम का फोकस अनिवार्य किये गए नए प्रस्ताव को कड़ाई से लागू करना है। साथ ही पार्को और सड़कों पर गंदगी और पोटी करने पर भी 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।

इस नए नियम को लेकर पेट्स लवर में नाराजगी भी दिखाई दे रही है

गाजियाबाद में पेट्स लवर और पालतू कुत्तो को पालने वाले लोगों में नाराजगी हैं। पेट रखने वालों का कहना हैं कि कुत्ते उनकी सुरक्षा करते हैं। पालतू कुत्ते किसी को नहीं काटते और यदि पालतू कुत्ते किसी को काट लेते हैं तो कुत्ता पालने वाला व्यक्ति उसका पूरा इलाज करवाता है। लेकिन गली-मोहल्लों में पल रहे स्ट्रीट डॉग को नगर निगम कैसे रजिस्टर्ड करेगा और उसके लिए पांच-पांच हजार कौन देगा। लोगों का कहना है कि कम मासिक आमदनी वाले को निगम का यह फैसला मुश्किल में डाल देगा। क्योंकि 10 हजार रूपये मासिक इनकम वाला शख्स 5000 हजार रुपये का सालाना लाइसेंस कैसे ले सकता है। अगर फीस रखनी ही है तो वो राशि कम होनी चाहिए। उनका कहना है की इस तरीके से जो लोग कुत्तों को पालते हैं वे उन्हें सड़कों पर छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे।