छत्तीसगढ़ में एक गांव ऐसा भी जहां शौचालय तो एक भी नहीं, पर पूरा विलेज हो गया ओडीएफ घोषित

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बिलासपुर : आए दिन देश व प्रदेश में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले आते हैं जिसमें शासकीय कर्मचारियों द्वारा करप्शन की खबरें आती हैं। मगर इस बार जो मामला आया है उसने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी है।

हुआ कुछ यूं की बिना शौचालय निर्माण के ही गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया गया। आपको यकीन नहीं होगा एमजीआर उस घटना के बाद हाईकोर्ट से कलेक्टर को फटकारा

रायगढ़ जिले के तायंग ग्राम को ओडीएफ घोषित करने के मामले में अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन से कहा है कि वह कलेक्टर को दिशा निर्देश जारी करें। बता दें कि रायगढ़ जिले के खरसिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत तायंग निवासी संत राम पटेल बीपीएल हितग्राही है। उनके घर में शौचालय नहीं है। इसके लिए उन्होंने ग्राम पंचायत व पंचायत सचिव को आवेदन दिया था। इस दौरान गांव में बहुत से लोगों के घर पर शौचालय नहीं बने थे। उधर कलेक्टर रायगढ़ ने इस पंचायत को ओडीएफ यानी खुले में शौचालय मुक्त गांव घोषित कर दिया। इसे खिलाफ संतराम ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

कलेक्टर को फटकार
इस में शौचालय निर्माण इस योजना की जांच की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को 30 दिन के भीतर अभ्यावेदन देने और कलेक्टर को इस पर 4 महीने के भीतर निर्णय करने का निर्देश जनवरी 2020 को जारी किया गया था। लेकिन 8 महीने तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर कलेक्टर के विरुद्ध अवमानना याचिका दाखिल की गई। मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पी. सैम.कोशी की सिंगल बेंच ने अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक रंजन तिवारी से कहा कि शासन की ओर से कलेक्टर रायगढ़ को स्पष्ट दिशा-निर्देश मामले में जारी किया जाए।