सब कुछ है मेरे देश में रोटी नहीं तो क्या… वादे लपेट लो जो लंगोटी नहीं तो क्या….

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वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडेय की कलम से

देश में आजकल ‘लव जिहाद’, आत्मनिर्भर भारत, ‘एक देश एक चुनाव’ आदि जुमले फिर चर्चा में है। नोटबंदी के बाद देश के आर्थिक हालात बिगड़ चुकी थी और बची खुली कसर कोरोना महामारी से मुकाबला करने ‘लाक डाऊन’ ने पूरी कर दी, बेरोजगारी अपने बुरे वक्त के दौर से गुजर रही है, युवा परेशान हैं, किसान भी नये कृषि बिल को लेकर सड़कों पर हैं मजदूर भी परेशान है हाल ही में ट्रेड यूनियन की हड़ताल इस बात की गवाह है, आखिर उद्योगों सहित कुछ बड़ी सरकारी सम्पत्तियों के निजीकरण की अचानक जरूरत क्यों पड़ गई…? किसानों ने तो कृषि नये कानून की मांग नहीं की थी फिर इस भीषण त्रासदी के समय आनन-फानन में कृषि बिल लाने की जरूरत केंद्र सरकार ने क्यों महसूस की….? इसका जवाब किसी के पास नहीं है। भारत की मोदी सरकार का एजेण्डा है अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण, धारा 370, तीन तलाक,सरहद पर तनाव तथा चीन – पाकिस्तान से बिगड़ते रिश्तों की खबरों के बीच आजकल भाजपा शासित प्रदेश सरकारों में ‘लव जिहाद’ और ‘एक देश एक चुनाव’ का जुमला फिर चल पड़ा है। कोरोना से लगातार बढ़ती मौतें, बढ़ते मरीज,वैक्सीन की अभी तक अनुपलब्धता, 20 लाख करोड़ का पैकेज (?) अभी तक सुलझा नहीं है। कोरोना काल में म.प्र. भाजपा सरकार के स्थायीकरण, बिहार में भाजपा के सहयोग से नीतिश सरकार बनाने, रैली, महारैली बड़े नेताओं की सभी ने देखी है।

लव जिहाद…?’

अभी भाजपा के कुछ नेताओं सहित भाजपा शासित प्रदेशों में ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून बनाने की पहल शुरू कर दी है। देश में लालच या दबाव में धर्मांतरण के खिलाफ पहले भी कानून बने हैं इसी तरह दबाव में की जानेवाली शादी को निरस्त करने तथा दोषियों को पर्याप्त सजा देने का प्रावधान है, जाहिर है कि ‘लव जिहाद’ के नाम पर नया कानून लाने के पीछे का उद्देश्य खुद पति चुनने के संवैधानिक अधिकार से महिलाओं को वंचित करना है।
जहां लव होता है वहां जेहाद नहीं होता है और जहां जेहाद होता है वहां लव का होना नामुमकिन है, मगर भाजपा के नेताओं ने दो अलग-अलग शब्दों को मिला कर एक ऐसा दर्दनाक मुद्दा सामने ला दिया है. भाजपा ने जिस ‘लव जिहाद’ की मुहिम अपने शासित राज्यों में शुरू की है उसका असल मतलब गलत नियत से मुस्लिम लड़के का हिन्दू लड़की को मोहब्बत में फंसाकर निकाह करना ही है। वैसे ‘लव जिहाद’ का कानून बनाने के पीछे की क्या रणनीति है यह तो भाजपा ही बता सकती है पर देश में वर्तमान में पांच तरह के मैरिज एक्ट हैं। (1) स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 (2) द हिन्दू मैरिज एक्ट 1955 (3) मुस्लिम पर्सनल ला 1957 (4) द इंडियन क्रिश्चन मैरिज एक्ट 1872 (5) पारसी मैरिज एण्ड डायवोर्स एक्ट ऑफ 1936…. वैसे स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 (एसएमए) इसके तहत शादी करने के बाद धर्म बदलने की आवश्यकता नहीं है। अगर दोनों अलग-अलग धर्म के हैं तो कोर्ट को एक महीने पहले नोटिस देना होगा। कोर्ट इसमें फैसला करता है।
अगर कोई व्यक्ति रिलिजियस मैरिज करना चाहता है तो इसके लिए अलग-अलग धर्म के मैरिज एक्ट हैं इसमें यदि हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत करेंगे तो हिन्दू बनना पड़ेगा, मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत करेंगे तो मुस्लिम बनना पड़ेगा। कोई भी किसी भी धर्म को अपने मन से अपना सकता है। अब यहां यह सवाल उठता है धर्मांतरण का…। हिन्दूओं में कोई ऐसा प्रोसेस नहीं है जो किसी को हिन्दू बना सके पर बाकी धर्मों में इसका प्रावधान है। यदि किसी और धर्म का लड़का या लड़की हिन्दू एक्ट के तहत शादी करना चाहते हैं तो उन्हें पहले हिन्दू धर्म अपनाना पड़ेगा जो कि संभव नहीं है। क्योंकि यहां पहले से जाति, ऊंच- नीच और आरक्षण है? बहरहाल जब दो लोग (अलग-अलग धर्मों के) शादी करते हैं तो स्पेशल मैरिज एक्ट उनके लिए सुरक्षित नहीं रह पाता है। स्पेशल मैरिज एक्ट में एक खासियत/ समस्या और है अगर इसके तहत आप शादी करते हैं तो आप परिवार का हिस्सा नहीं रहते हैं मतलब आपको परिवार के धन का हिस्सा नहीं मिलेगा। खैर अगर सरकार वाकई में धर्मांतरण रूकवाना चाहती है तो पहले स्पेशल मैरिज एक्ट को और प्राईवेसी देना होगा जिससे दो लोग जो अलग-अलग धर्म के हैं अपना धर्म ही बचा सकते हैं और अपनी निजता भी…। ‘लव जिहाद’ वाले मामले में भी नहीं आएंगे…. खैर शादी एक पसर्नल मामला है।

भूपेश की टिप्पणी

भाजपा शासित राज्यों उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात आदि में ‘लव जिहाद’ में कानून बनाने के मसौदे पर छग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने न केवल इसका विरोध किया है बल्कि टिप्पणी भी की है कि कई भाजपा नेताओं के परिजनों ने दूसरे धर्म में शादी की है क्या यह भी ‘लव जिहाद’ है? उन्होंने भाजपा नेताओं से पूछा है कि क्या ये शादियां भी ‘लव जिहाद’ की परिभाषा के अंतर्गत आएगी?
यहां यह भी बताना जरूरी है कि भाजपा के सांसद मुख्तार अब्बास नकवी की शादी 1983 में सीमा नामक एक हिन्दू परिवार से ताल्लुक रखने वाली महिला से हुआ है। बिहार से मूल ताल्लुक रखने वाले शहनवाज हुसैन ने रेणु शर्मा से प्रेम विवाह किया है। बिहार के ही पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की पत्नी का नाम जेसी जार्ज है। जेसी इसाई है। वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमणियम स्वामी ने जून 1966 में रोक्सना स्वामी से विवाह किया था। रोक्सना फारसी महिला है।

अगला सीएस…

छत्तीसगढ़ के अगले प्रशासनिक मुखिया (मुख्य सचिव) अमिताभ जैन होंगे यह लगभग तय हो गया है क्योंकि केंद्र सरकार ने अंतिम कार्यदिवस 27 नवम्बर को आर.पी.मंडल की सेवावृद्धि के प्रस्ताव पर विचार नहीं किया है। राज्य की भूपेश सरकार ने 3 महीने पहले आर.पी.मंडल का कार्यकाल 6 माह बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था। 30 नवंबर को मंडल का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। केंद्र सरकार में 5 दिनों का सप्ताह होता है और 27 नवंबर को उसका आखरी दिन था। 29 को रविवार है तो 30 नवंबर को गुरूनानक जयंती के कारण अवकाश है। वैसे भी केंद्र सरकार ने मंडल के पहले सुनील कुजूर की सेवावृद्धि के प्रस्ताव पर विचार नहीं किया था और अंतिम समय में मंडल को मुख्य सचिव बनाने का आदेश जारी हुआ था। वैसे सूत्र कहते हैं कि यदि सेवावृद्धि होगी तो ही आदेश राज्य सरकार को मिलेगा नहीं तो फाईल वाईंडअप कर दी जाएगी । सूत्र कहते हैं कि मंडल के उत्तराधिकारी के रूप में अमिताभ जैन का नाम फाइनल हो चुका है और उनका आदेश 30 की रात तक जारी हो जाएगा और मंगलवार 1 दिसंबर को उनकी ताजपोशी हो सकती है। इधर प्रदेश के अधिकारियों के बीच चर्चा है कि आर.पी. मंडल को एनआरडीए का मुखिया बनाकर 2साल के लिये सरकार उपकृत कर सकती है भूपेश सरकार उनके अनुभवों का लाभ उठाना चाहती है। कुछ लोग उनको कहीं और समायोजित करने की भी चर्चा कर रहे हैं बहरहाल मंडल की संविदा नियुक्ति तथा उनके उत्तराधिकारी की घोषणा पूरी तरह मुख्यमंत्री पर निर्भर करेगा।

और अब बस….

0 छत्तीसगढ़ सरकार को जीएसटी के रूप में केंद्र सरकार से 800 करोड़ रुपये बकाया लेना है।
0 छग सरकार पर करीब 58 हजार करोड़ का ऋण है।
0 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि कोरोना वैक्सीन केंद्र सरकार मुफ्त देगी या नहीं यह स्पष्ट करना चाहिये।
0 दिसंबर 2019 से भोपाल गैस त्रासदी प्रभावित 5000 से अधिक महिलाओं को पेंशन नहीं मिल सका है। इन्हें मात्र 1000 महीना पेंशन मिलता है।
0 महिला तस्करी के मामले में भाजपा की एक महिला नेत्री की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा में खामोशी है तो कांग्रेस के लोग भाजपा पर निशाना साधने में पीछे नहीं है।