28 मई 2019, रायपुर। ग्रीष्म ऋतु में पानी की दिक्कतों से निपटने और जल संवर्धन के लिए छत्तीसगढ़ में ‘नरवा’ योजना के साथ ही मनरेगा के अंतर्गत भी व्यापक कार्य किए जा रहे हैं। पिछले तीन महीनों में ही जनवरी से मार्च के बीच मनरेगा के तहत 6 हजार 720 जल संवर्धन के कार्यों को पूर्ण किया गया है। इसी दौरान 15 हजार 128 जल संवर्धन के प्रारंभ किए गए नए कार्य प्रगति पर हैं।
उल्लेखनीय है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने जल संवर्धन के कार्यों पर जोर दिया था और ऐसे कार्याे को गर्मी के मौसम में तथा बरसात आने के पूर्व तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए थे, जिससे आने वाले समय में जल संकट से उबरने के साथ ही खेती-किसानी और पेयजल, निस्तारी जैसे कार्याे के लिए पानी की उपलब्धता बनी रहे। उन्होंने प्रगतिरत कार्यों को भी जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए जिससे आगामी बारिश के पानी का भरपूर उपयोग करते हुए ज्यादा से ज्यादा तालाबों में जलसंचय का कार्यं संभव हो सके।
मनरेगा के अधिकारियों ने बताया कि जल संवर्धन के लिए जहां सामुदायिक तालाब, कुआं और तालाब गहरीकरण जैसे कार्य हो रहे है वहीं निजी डबरी निर्माण जैसे कार्य भी किए जा रहे हैं। इस वर्ष जनवरी से मार्च के बीच तीन महीनों में जहां 479 नए सामुदायिक तालाबों और एक हजार 214 कुओं का निर्माण किया गया, वहीं हितग्राहियों के लिए 4 हजार 202 निजी डबरियां भी बनाई गई हैं। इसी तरह ज्यादा जल भराव के लिए 825 सार्वजनिक तालाबों का गहरीकरण भी किया गया है। इस अवधि में जल संवर्धन के 15 हजार 128 नए कार्य हुए शुरू किए गए हैं जो वर्तमान में प्रगति पर हैं। इनमें सात हजार 379 निजी डबरियां, तीन हजार 653 तालाब गहरीकरण, दो हजार 772 नए कुओं एवं एक हजार 324 नए सामुदायिक तालाबों के निर्माण कार्य शामिल हैं।