सुकमा 10 अगस्त, 2019। जिले में एक बार फिर बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है। लगातार हो रही बारिश से शबरी नदी का जलस्तर शाम 6.30 बजे 11.60 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे से करीब .40 मीटर ही दूर है। जलस्तर के बढ़ते ही शबरी का बैक वॉटर से पूरे शहर में जलभराव की स्थिति बन गई है। खेत—खलिहान पूरी तरह जलमग्न हो गये हैं। भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन ने बुधवार देर शाम ही मुनादी कर निचली बस्तियों को खाली कराने का अलर्ट जारी कर दिया था।
नगर के राजवाड़ा, शबरी नगर, नयापारा और पावारास वार्डो में बुधवार—दरमियानी रात ही बाढ़ का पानी घरों में घुस गया। देर रात ही लोगों ने अपने व्यवस्था पर घर का सामान राहत शिविरों में ले गये। जिले के तीनों विकासखण्ड में कुल 17 राहत शिविरों का संचालन किया जा रहा है जिसमें 12 सौ से ज्यादा प्रभावितों को ठहराया गया है। प्रभावितों के लिए प्रशासन की ओर से भोजन की व्यवस्था भी की जा रही है। लगातार हो रही बारिश को देखते हुए प्रशासनिक अमला मुस्तैद है और हर स्तर पर बाढ़ से निपटने के इंतेजाम किये जा रहे हैं।
दूसरे दिन भी बंद रहा सुकमा—जगदलपुर मार्ग, नाव से कराया पार…
बाढ़ के पानी ने नेशनल हाईवे को भी जाम कर दिया है। दूसरे दिने भी सुकमा—जगदलपुर मार्ग बंद रहा। यात्रियों को नाव के जरिये पार कराया गया। इधर कोंटा और इंजरम के बीच भी पुल पर पानी बहने से मार्ग बंद रहा। नेशनल हाईवे 30 पर आवागमन पिछले 24 घंटे से बाधित है। कुछ इलाकों में पानी की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने मोटर बोट का इंतेजाम किया है जिसके माध्यम से यात्रियों को पार कराने में मदद की गई।
दूध मुंहे बच्चों के साथ बसों में गुजारी रात…
सुकमा से आंध्र और तेलंगाना की आरे जाने वाले यात्रियोंं को सड़क जाम होने की वजह से जिला मुख्यालय में ही रोक दिया गया। यात्रियों को बसों में ही रात गुजारनी पड़ी, जिसमें दुध मुंहे बच्चे भी शामिल है। यात्रियों ने बताया कि खाने व रूकने की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें भारी परेशानियों को सामना करना पड़ा।
दूसरे दिन भी खाली कराये गये घर…
शबरी नगर, राजवाड़ा और नयापारा से करीब देा दर्जन से ज्यादा परिवारों को बाढ़ की विकरात स्थिति को देखते हुए दूसरे दिन भी घरों को खाली कराया गया। जिला मुख्यालय में तीन राहत शिविरों बनाये गये हैं। जिसमें बाढ़ प्रभावितों को ठहराया गया है।