गंभीर अपराधियों की सजा के लिए सुप्रीम कोर्ट से लेकर निचले स्तर की कोर्ट तक समय तय हो: PISF

0
81

रायपुर 9 जून, 2019। यूपी के अलीगढ़ जिले में ढाई साल की मासूम बच्‍ची की निर्मम हत्‍या के बाद पूरे देश मे गम और गुस्‍से का माहौल है। राजनीति, खेल, फिल्‍म समेत समाज के हर तबके लोग बड़ी संख्‍या में ट्वीट कर बच्‍ची के कातिलों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में रायपुर की पब्लिक इशू सोशल फाउंडेशन ने भी इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

फाउंडेशन के चेयरमैन नितिन भंसाली ने मासूम ट्विंकल शर्मा को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बताया कि देश मे हर घंटे न जाने कितने मासूम बच्चे गलत मंसूबो के शिकार हो रहे है, बच्चियों के साथ जघन्य अपराध, दुष्कर्म, बलात्कार, क्रूरता पूर्वक हत्या, ऐसे कृत्य बुद्ध और महावीर की पवित्र भूमि को कलंकित कर रहे है।

नितिन भंसाली ने कहा कि सवाल यह है कि आखिर क्यों अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है ? सरकार को कानून बनाते वक़्त इस बात पर निश्चित ही ध्यान रखना चाहिए की ऐसा कानून बनाये जिसके खौफ से ही अपराधी अपराध करना छोड़ दे, वक़्त आ गया है की हम अपराधियों को कड़े कानून के माध्यम से सही रास्ते पर लाए या फिर उनके अस्तित्व को ख़त्म कर दे..

नितिन भंसाली ने बताया कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2012 में ये संख्या 24,923 थी, 2015 में बलात्कार के 34,651 और 2016 में 38,947 मामले दर्ज हुए, इन आकड़ो देखकर पता चलता है की अपराधी बेख़ौफ़ है, उनके मन में कानून का कोई डर नहीं है केंद्र सरकार एक अध्यादेश लाई है जिसमें कहा गया है कि 12 साल और इससे कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार पर फांसी की सज़ा होगी, इस पहल का हम स्वागत करते है लेकिन क्या केंद्र सरकार ने एफ़आईआर दर्ज करने या फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए कोई समय-सीमा तय की है ?

नितिन भंसाली ने बताया कि भारत में आज तक किसी भी रेप केस की जांच तीन महीने के अंदर पूरी नहीं हुई। साल 2016 के आखरी में पॉक्सो ऐक्ट के तहत जो मामले दर्ज हुए उनमें से 90% मामले आज भी पेंडिंग हैं। न्याय मिलने में देरी, कड़ी सज़ा के मुकाबले ज़्यादा बड़ी समस्या है क्योंकि मुक़दमा जितना लंबा खिंचता है पीड़ित महिला या बच्चे के लिए चीजें उतनी ही मुश्किल होती हैं। नितिन ने कहा कि ये बेहद दुख और चिंता की बात है कि दिल्ली की बहन निर्भया के कातिल निचली अदालत द्वारा आज भी फांसी के सज़ा दिए जाने के बावजूद ज़िंदा है क्योकि मामला अपील में अदालत में लंबित है, नितिन ने कहा कि समय की मांग है कि ऐसे अपराध को जड़ से ख़त्म करने हेतु सर्वोच्च न्यायलय से लेकर निचली अदालत तक मामले की सुनवाई ओर सजा दिए जाने की समय-सीमा तय हो, हर कोर्ट को बलात्कार और अनाचार के मामलों मे तीन महीने के भीतर निर्णय देने का कड़ा कानून बने। कोई भी अपराधी चाहे वो कितना भी शक्तिशाली हो ऐसे कृत्य करके क़ानून की नज़रों से नहीं बचना चाहिए।

नितिन भंसाली ने कहा कि पब्लिक इशु सोशल फाउंडेशन के सदस्य आम जनता द्वारा लिखित 1000 पोस्टकार्ड देश के राष्ट्रपति के नाम लिख कर यह निवेदन करेगा कि वे अपने विशेष अधिकारो का प्रयोग करते हुए क़ानून में संसोधन करे, साथ ही नितिन भंसाली ने केंद्र सरकार से भी यह आग्रह किया है कि वे फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट्स में जल्द से जल्द न्यायधिशों की नियुक्ति करे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here