पिछले दो महीने से कम आ रहा जीएसटी टैक्स, अन्तराष्ट्रीय व्यापार कम होने से आयात रुका

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नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अगस्त महीने में 86,449 करोड़ रुपये रहा. यह लगातार दूसरा महीना है जब जीएसटी संग्रह कम हुआ है. इससे पहले, जुलाई में यह 87,422 रुपये था. सालाना आधार पर जीएसटी संग्रह 12 प्रतिशत कम रहा. पिछले साल इसी महीने में माल एवं सेवा कर संग्रह 98,202 करोड़ रुपये था.

सकल संग्रह में केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) 15,906 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 21,064 करोड़ रुपये, एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) 42,264 करोड़ रुपये और उपकर 7,215 करोड़ रुपये रहा. आईजीएसटी में आयातित वस्तुओं पर प्राप्त 19,179 करोड़ रुपये शामिल है.

राजस्व संग्रह का आंकड़ा देता है संकेत
कर विशेषज्ञों ने कहा कि राजस्व संग्रह का आंकड़ा संकेत देता है कि घरेलू आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ रही है. संग्रह में कमी का मुख्य कारण आयात में कमी है. सरकार ने नियमित निपटान के तहत आईजीएसटी से सीजीएसटी मद में 18,216 करोड़ रुपये और एसजीएसटी में 14,650 करोड़ रुपये का निपटारा किया है.

2019 में प्राप्त जीएसटी 88 प्रतिशत
मंत्रालय के अनुसार अगस्त, 2020 में नियमित निपटान के बाद केंद्र और राज्य सरकारों का कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 34,122 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 35,714 करोड़ रुपये रहा. अगस्त में जीएसटी संग्रह पिछले साल 2019 के इसी माह में प्राप्त जीएसटी का 88 प्रतिशत है. अगस्त, 2020 के दौरान, बीते साल 2019 के समान महीने की तुलना में आयातित वस्तुओं से राजस्व 77 प्रतिशत और घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व 92 प्रतिशत रहा. 5 करोड़ रुपये से कम कारोबार वाले करदाताओं के लिए सितंबर तक रिटर्न भरने से छूट दी गयी है.

‘लॉकडाउन’ का प्रभाव जीएसटी पर पढ़ा
जीएसटी संग्रह चालू वित्त वर्ष की शुरूआत से ही स्थिर है. इसका कारण कोविड-19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिए ‘लॉकडाउन’ लगाया जाना है जिससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं. अप्रैल में राजस्व 32,172 करोड़ रुपये, मई में 62,151 करोड़ रुपये, जून में 90,917 करोड़ रुपये और जुलाई में 87,422 करोड़ रुपये रहा.

हरियाणा और गुजरात में मामूली कमी
डेलॉयट इंडिया के भागीदारी एम एस मणि ने कहा कि जीएसटी संग्रह सुधार के रास्ते पर है. घरेलू लेन-देन से होने वाला जीएसटी संग्रह पिछले साल के इसी माह के मुकाबले केवल 8 प्रतिशत कम है. यह आर्थिक गतिविधियों में पुनरूद्धार का संकेत देता है.

दखें दो महीनों के रुख- प्रतीक जैन
पीडब्ल्यूसी के प्रतीक जैन (अप्रत्यक्ष कर) ने कहा कि पिछले दो महीनों के रुख को दखें तो ऐसा लगता है कि संग्रह पिछले साल के इन्हीं महीनों की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत कम होकर स्थिर हो गया है. उन्होंने कहा, ‘‘चीजें अब धीरे-धीरे पटरी पर आ रही हैं, संग्रह आने वाले महीनों में बढ़ने की संभावना है.’’

इन राज्यों में आयी गिरावट
उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी संग्रह का राज्यवार आंकड़ा बताता है कि पुनरूद्धार प्रक्रिया से राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में संग्रह में मामूली वृद्धि हुई है. वहीं हरियाणा और गुजरात में मामूली कमी आयी है जबकि महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में उल्लेखनीय गिरावट आयी है.’’

ईवाई के कर भागीदार अभिषेक जैन ने कहा कि जीएसटी संग्रह में कमी का एक प्रमुख कारण आयात है. अंतरराष्ट्रीय व्यापार कम होने से आयात में कमी आयी है.