स्वास्थ्य मंत्री बोले- आगे भी बंदिशों का करना होगा पालन, सावधान नहीं रहे तो गंभीर होगी स्थिति.. जून-जुलाई में कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका…

0
95

अम्बिकापुर@उपेंद्र गुप्ता 10 मई, 2020। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव नें कहा कि आने वाले कुछ महीने बंदिशों का पालन अनिवार्य रूप से करना ही होगा।कोरोना वैश्विक संक्रमण का अब तक इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। इसकी वैक्सीन आने में कम-से-कम 12 से 18 महीने लगेंगे। दूसरा रस्ता नहीं है एकमात्र विकल्प बचाव है।आने वाले दिनों में हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि हम संक्रमण फैलाने के पात्र न हो जाए।विशेषज्ञों नें इस बात की आशंका जाहिर की है कि 80 से 85 प्रतिशत लोग ऐसे होंगे जिनमें कोइ लक्षण नहीं दिखेंगे।

यह बात स्वास्थ्य मंत्री नें अपने अम्बिकापुर निवास में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। उन्होनें कहा कि छत्तीसगढ़ में शुरुआती दिनों मे कोरोना से बचाव और इलाज के लिए न्यूनतम आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं थे, ऐसे में लॉक डाउन के अलावा कोई विकल्प नहीं था। यह जरूरी था कि लोग सीमित दायरे में नियंत्रित किये जाएं।

उन्होनें कहा कि लॉक डाउन की समाप्ति के बाद भी सावधानी बरतनी होगी। मास्क का अनिवार्यतः इस्तेमाल करना होगा और दिन में 5-6 बार 20 सेकंड तक हाथ धोना भी जरूरी है, तभी कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है।उन्होनें कहा कि लॉक डाउन 3 के दौरान व्यवसायिक गतिविधियों को शुरू करना जरूरी था, जिससे राज्य और देश की अर्थव्यवस्था को बल मिले।कई ऐसी गतिविधियां थीं,जिन्हें बन्द नहीं किया गया। रोजगार गारेंटी जैसे काम भी बन्द नहीं किये गए। सीमेंट फैक्टरी कुछ दिन बन्द रहे लेकिन बाद में उन्हें भी खोलने की अनुमति दी गई। शासकीय कर्मचारियों के वेतन नहीं रोके गए। जिससे अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ा।

स्वास्थ्य मंत्री नें कहा कि सोमवार को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और स्वास्थ्य मन्त्रियों से चर्चा करेंगे। यह चर्चा लम्बी होगी। जिसमें आगे की रणनीति पर मंथन किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार लॉक डाउन हमेशा नहीं रह सकता।लॉक डाउन संक्रमण को रोकने के साथ साथ नए तरीके से जीवन जीने की सीख दे रहा है। लॉक डाउन न कर लोगों को घूमने दिया जाता तो संक्रमित लोगों की संख्या बहुत बड़ी होती। जून जुलाई और नवम्बर दिसम्बर में कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका है। इससे बचना एक बड़ी चुनौती है।

आज टेस्टिंग की क्षमता एम्स में 350 और अन्य अस्पतालों में 180 टेस्ट किट उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त टीबी ट्रू नेट मशीन से भी जांच की जा रही है। इससे कोविड की जानकारी मिलती है। जजावल मे रैपिड टेस्ट किट की वजह से मरीजों की जानकारी मिल स्की है। आईसीएमआर नें 4 हज़ार 800 किट दिए थे उन्हें वापस ले लिया गया है क्योंकि चीन निर्मित यह किट मानकों के अनुरुप नहीं थे।

छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों के जल्द स्वस्थ होने की बात पर उन्होनें कहा कि छत्तीसगढ़ में समय रहते कोरोना मरीजों को इलाज मिलना शुरू हो जाता है, इसी कारण यहां के मरीज जल्दी ठीक हो रहे हैं।

जीएसटी का 1555 करोड़ रुपये राज्य सरकार को देना था,जो अब तक नहीं दिया गया है। पांच साल तक राज्योँ के आमदनी की गैरन्टी थी। इस सिद्धान्त के खिलाफ केंद्र नें 1555 करोड़ रुपये नहीं दिया है। इस कारण अप्रैल महीनें में 200 करोड़ की आमदनी हुई लेकिन राज्य को 980 करोड़ का नुकसान हुआ है। यह राशि देने के लिए केंद्र सरकार बाध्य है। राज्यों की आमदनी की व्यवस्था नहीं होगी तो राज्य चलाना मुश्किल होगा।

शराब दुकानों को शुरू करने की बात पर उन्होनें कहा कि शराब की दुकानें खोलना छत्तीसगढ़ सरकार का निर्णय नहीं था। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार को पांच हज़ार करोड़ की आमदनी शराब से होती है। इसकी भरपाई के लिए केंद्र नें कोई व्यवस्था नहीं बनाई। घोषणापत्र की मूल भावना के विपरीत है शराब की बिक्री। एकाएक बन्द करने के भी कई दुष्प्रभाव हैं।