अजीत जोगी की जाति को लेकर हाई पावर कमेटी ने तैयार की रिपोर्ट.. क्या लिया फैसला आप भी पढ़े.. पूरे मामले की प्वाइंट-टू-प्वाइंट डिटेल भी पढ़िए..

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रायपुर 27 अगस्त, 2019। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति मामले की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। अजीत जोगी को जाति मामले में बड़ा झटका लगा है। दरअसल जांच कर रही आदिम जाति विभाग के सचिव डी डी सिंह की अध्यक्षता वाली हाईपावर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। कमेटी ने माना कि अजीत जोगी को आदिवासी नहीं है। हाईपावर कमेटी के इस फैसले से अजीत जोगी के सभी जाति प्रमाण पत्रों को निरस्त कर दिया है। कमेटी ने तय किया है कि जोगी को अनुसूचित जनजाति के लाभ की पात्रता नहीं होगी। हाईपावर कमेटी ने छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) नियम 2013 के नियम 23 (3) एवं 24 (1) के प्रावधानों के तहत कार्यवाही के लिए बिलासपुर कलेक्टर को निर्देशित किया है। वहीं नियम 2013 के नियम 23(5) के प्रावधानों के तहत उप पुलिस अधीक्षक को प्रमाण पत्र जप्त करने के निर्देश दिए हैं।

  • बता दें पिछले दिनों हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पी आर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी पी साहू की डिवीजन बेंच ने अजीत जोगी की उस याचिका को खारिज किया था।
  • जिसमें उन्होंने हाईपावर कमेटी के समक्ष पेश होने की नोटिस को खारिज करने की मांग की थी।
  • हाईकोर्ट ने अपने आदेश में अजीत जोगी को कमेटी के समक्ष एक महीने के भीतर उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने को कहा था।
  • हाईकोर्ट के आदेश के बाद अजीत जोगी ने 21 अगस्त 2019 को हाईपावर कमेटी के समक्ष अपना जवाब प्रस्तुत किया था।

क्या हैं मामला पूरा पढ़े…

  • संतकुमार नेताम ने पूर्व मुख्यमंत्री जोगी के मामले को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में आवेदन कर शिकायत की थी।
  • इस शिकायत के बाद आयोग ने अजीत जोगी को नोटिस जारी किया था, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी थी।
  • हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग को जाति का निर्धारण करने, जांच करने और फैसला देने का अधिकार नहीं है।
  • इस फैसले को लेकर संतकुमार नेताम सर्वोच्च न्यायालय भी गए थे, जिस पर नेताम की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाई थी।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने 13 अक्टूबर, 2011 को फैसला लिया था कि सरकार हाईपावर कमेटी बनाकर अजीत जोगी के जाति प्रकरण का निराकरण करे।
  • जोगी के जाति मामले के लिए गठित कमेटी के छह सदस्यों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य सचिव रीना बाब साहब कंगाले, सदस्य जीआर चुरेंद्र, एस.आर. टंडन और जीएम झा थे।
  • कमेटी ने जांच के बाद 27 जून 2017 को आदेश जारी कर अजीत जोगी की समस्त प्रमाणपत्रों को निरस्त कर दिया था।
  • इस फैसले के खिलाफ अजीत जोगी हाईकोर्ट गए. जहां कोर्ट ने हाईपावर कमेटी अधिसूचित न होने की वजह से इसे विधि अनुरुप नहीं माना था।
  • हाईकोर्ट ने आदेश निरस्त करते हुए हाईपावर कमेटी को फिर से विधिवत रुप से गठित कर आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
  • हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य शासन ने 21 फरवरी 2018 को फिर से हाईपावर कमेटी का पुनर्गठन किया।