देश मे बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच अपने बच्चों का कैसे रखें ख्याल? केंद्र सरकार ने बच्चों के लिए जारी किया नया प्रोटोकॉल

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नेशनल। भारत मे कोरोना का संक्रमण हाहाकार मचा रहा है। देश मे बढ़ते संक्रमित मामलों के बीच केंद्र सरकार की ओर से बच्‍चों में कोरोना संक्रमण और इलाज के लिए नया प्रोटोकॉल जारी किया गया है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि अधिकतर बच्‍चों में कोरोना के हल्‍के लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए नए प्रोटोकॉल को देखने के बाद माता-पिता के बीच डर के साथ कई तरह के सवाल भी उठने लगे हैं।

बच्‍चों में भी दिखाई दे रहा है इस बार कोरोना का संक्रमण

देश में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से लोगों को संक्रमित कर रही है। इस बार कोरोना का संक्रमण बच्‍चों में भी दिखाई दे रहा है। केंद्र सरकार ने कहा है कि बच्चों में या तो लक्षण नहीं है या बहुत हल्का लक्षण है। सामान्य लक्षणों बुखार, खांसी, सांस में तकलीफ, गले में खराश, आदि समस्या हो सकती है। कुछ बच्चों में पाचन संबंधी तकलीफ भी संभव है।

ऐसे बच्‍चों को अस्‍पताल में भर्ती करने की पड़ सकती है जरूरत

आपको बता दें कि कुछ बच्‍चों में मल्टी सिस्टम इन्फलैमेट्री सिंड्रोम (एमआईएस) की तकलीफ हो रही है। ऐसे बच्‍चों को अस्‍पताल में भर्ती करने की भी जरूरत पड़ सकती है। संक्रमण से गुजर रहे बच्चों को 100.4 डिग्री तक बुखार भी आ सकता है।

आइए जानते हैं बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े कुछ अहम सवाल

• बच्चों में कोरोना के सामान्य लक्षण हैं ये कैसे पहचानें?

बच्चे का ऑक्सीजन लेवल चेक करना बेहद जरूरी है। अगर बच्चों का ऑक्सीजन लेवल 90 फीसदी है तो वो सामान्य श्रेणी में आएगा। दो माह से कम बच्चे को संक्रमण होने पर सांस लेने की दर प्रति मिनट 60 से कम नहीं होनी चाहिए। इसी तरह दो माह से एक साल तक के बच्चों में ये दर 50 से अधिक होना चाहिए। वहीं एक से 5 साल के उम्र के बच्चों में ये दर प्रति मिनट 40 प्रति होनी चाहिए।

बच्चों में संक्रमण के हल्के लक्षण दिखें तो कैसे करें इलाज?

बच्चे को अगर बुखार आ रहा है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। बच्चे को बुखार होने पर डॉक्टहर की सलाह लें। इस दौरान वजन और उम्र के मुताबिक डॉक्टर चार से छह घंटे में पैरासीटामॉल दवा दे सकते हैं। अगर बच्चे को गले में खरास जैसा महसूस हो रहा है तो गुनगुने पानी से गरारा किया जा सकता है।

• हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमित बच्चों को एंटीबायोटिक की जरूरत है?

अगर किसी बच्चे में कोरोना के हल्कें संक्रमण दिखाई दे रहे हैं तो उसके शरीर में पानी की कमी नहीं होने देना चाहिए। हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमित बच्चों को एंटीबायोटिक देने की जरूरत नहीं है। बच्चों को हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, रेमडेसिविर और डेक्सामेथासन आदि दवाइयां न दें।

• किन बच्चों को कोविड अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है?

मध्यम लक्षण वाले बच्चों को बिना देरी किए कोविड अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराने की जरूरत होती है। इस दौरान बच्चे के बुखार से ऑक्सीजन के स्तर को हर समय मापते रहना चाहिए। इस दौरान ध्यान रखना है कि शरीर में पानी की कमी न हो।

• कोरोना संक्रमित गंभीर बच्चे को कैसे पहचाना जा सकता है?

अगर बच्चे का ऑक्सीजन लेवल 90 फीसदी से कम है तो उसे गंभीर संक्रमण है। खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने से बच्चे के होठ नीले पड़ने लगेंगे और सांस लेने में तकलीफ होने लगेगी। बेचैनी और घबराहट के साथ वो बार-बार अच्छा महसूस न होने की बात कहेगा।