कोरोना के संकट बीच उरला और सिलतरा में धड़ल्ले से चालू हैं सैकड़ों कारखाने.. स्थानियों ने की बंद कराने की मांग…

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रायपुर@योगेश साहू 23 मार्च, 2020। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने जहां राज्य सरकार कड़े फैसले ले रही है। इसी बीच उरला और सितलरा इलाके में कारखाने धड़ल्ले से चालू है। जिसे स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से बंद कराने की मांग की है। जहां दुर्ग भिलाई और रायपुर समेत कई गावों से उरला और सिलतरा कंपनियों में काम करने आते है। जिससे संक्रमण फैलने की संभावना बनी रहती है। बावजूद इसके कारखाना प्रबंधक इस पर कोई विचार नहीं कर रहा है। और ना ही प्रशासन इस पर कोई फैसला ले रहा है। ऐसे में स्थानीय लोगों ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से कारखाना बंद कराने की अपील की है। और साथ ही साथ ग्रामीण बस्तियों में रहने वालों लोगों ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है।

स्थानियों ने कहा कि “चीन और इटली” जहां सबसे ज्यादा लोग इस कोरोना बिमारी से मारे गये हैं वो भी अधिकांशतः स्लम और गरीब मजदूर बस्ती के रहवासी थे। इसलिए यहां खतरा ज्यादा है। इस पर तत्काल प्रभाव से विचार किया जाए।

उरला के स्थानीय पार्षद संदीप शर्मा और सामाजिक कार्यकर्ता गौतम साहू ने भी फेसबुक पर लिखा कि आदरणीय भूपेश भैया जी मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन से सादर निवेदन है कि उरला सिलतरा तिल्दा  जितने भी कंपनियां है तत्काल बंद करवाने की आदेश प्रदान करवाये। इन सभी कंपनियों में हजारों लोग दुर्ग भिलाई रायपुर से सिलतरा की कंपनियों में काम करने आ रहे है जिससे गंभीर  बीमारी फैलने की आशंका बनी है। 144 धारा लगाने से बीमारी नहीं रुक सकती। कृपया सभी कंपनियों को 31 मार्च तक बंद करने की आदेश प्रदान करने की कृपा करें। जिससे कोरोना बीमारी  महामारी न फैले।

स्थानियों द्वारा कलेक्टर को लिखे गए पत्र.. आप भी पढ़ें..

माननीय कलेक्टर रायपुर (छ.ग.)

सर नमस्कार 

                       दिनांक 23 मार्च 2020

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जिले में लॉक डाउन के साथ धारा 144 प्रभानशील है,, 

परन्तु रायपुर जिले की सबसे असुरक्षित, सबसे संवेदनशील क्षेत्र बीरगांव एवम् उरला-सिलतरा क्षेत्र, जहां पुरे भारतवर्ष के सभी राज्यों के लोग निवास करते है …

यहां की सभी फैक्टरियां अनवरत् चालू है …

जिसका गंभीर परिणाम संभावित है …

“चीन और इटली” जहां सबसे ज्यादा लोग इस कोरोना बिमारी से मारे गये हैं वो भी अधिकांशतः स्लम और गरीब मजदूर बस्ती के रहवासी थे,

घनी आबादी,  स्लम और गरीब बस्ती बीरगांव – उरला जहां पहले से ही प्रदूषण एवम् अन्य कारणों से अनेको लोग  सर्दी, खांसी, बुखार एवम् ट्युबरकुलोसिस,  अस्थमा जैसे बिमारी से पीडित है,, एैसे में यदि कोरोना का संक्रमण यदि एक भी व्यक्ति को हुवा तो बीरगांव – उरला क्षेत्र में महामारी फैलने से रोकना बहुत ही मुश्किल होगा।

“सुरक्षा ही बचाव है”

लॉकडाउन के साथ धारा 144 प्रभावशील है हम सब आपसे मिलने या आवेदन देने आपके पास नही आ सकते,,  इसलिए इस मैसेज के माध्यम से समस्त क्षेत्र वासियों का आपसे करबद्ध अनुरोध है कि एैसी विकट गंभीर स्थिति आने के पहले इसे रोकने सर्वप्रथम, सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ तत्काल सभी फैक्टरियों को कडाई से बंद कराया जाये,, एवम् माननीय प्रधानमंत्री जी के निर्देशानुसार फैक्टरियों में कार्यरत गरीब मजदूरों को घर बैठे वेतन दिलाया जावे …!