VIDEO: नान घोटाले में IAS अफसर अनिल टूटेजा को मिली बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत के लिए दिये ये तर्क.. पढ़िए पूरा मामला..

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बिलासपुर। नान घोटाला मामले में आईएएस अफसर अनिल टुटेजा को बड़ी राहत मिली है। नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले में अनिल टूटेजा को हाईकोर्ट से सोमवार को अग्रिम जमानत मिल गई। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि इस तथ्य को देखते हुए कि आवेदक के खिलाफ इस मामले में शामिल होने का कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है, उनको अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाता है। सुनवाई के दौरान शासन की तरफ से हाईकोर्ट में टुटेजा के खिलाफ प्रत्यक्ष सबूत नहीं होने की जानकारी दी गई थी। इसी आधार पर जस्टिस आरपी शर्मा के बेंच ने उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी सशर्त मंजूर कर ली।

IAS अनिल टुटेजा को इन आधारों से मिली हाईकोर्ट से अग्रिम ज़मानत

  • टुटेजा के ख़िलाफ़ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है I ( No Direct Evidence )
  • कोई आय से अधिक सम्पत्ति का मामला नहीं I ( No Case of Disproportionate Asset )
  • एक रुपए की भी बरामदगी नहीं I ( Case of Zero Recovery )
  • केंद्र सरकार से जून 2016 में अभियोजन स्वीकृति प्राप्त होने के 30 महीने तक चालान पेश नहीं पेश किया गया और अचानक से चुनाव के परिणाम के ठीक 5 दिन पहले चालान पेश किया गया I
  • मात्र 8 माह का कार्यकाल, जिसमें ना तो कभी खराब चावल लिया गया और ना ही सरकार को कोई क्षति पहुंची I
  • जब किसी को अपनी पूर्ण जाँच के दौरान गिरफ़्तार नहीं किया गया तो अब जांच होने के और चालान पेश होने के 4 साल बाद गिरफ़्तार करने का कोई कारण नहीं बनता I
  • पूर्व जांच ही एक विवादास्पद स्थिति में खड़ी है, जिसमें की पूरी जांच का मक़सद किसी को फंसाना और किसी को बचाना थाI
  • टुटेजा के वकील अवि सिंह ने बताया कि जमानत याचिका दिसंबर से पेंडिंग थी।
  • 30 महीने के बाद एसीबी ने चार्जशीट 5 दिसंबर को इलेक्शन रिजल्ट के ठीक पहले फाइल की थी।
  • हमने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा कि 30 महीने में हमारी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।
  • दूसरा, एक बार भी जांच में शामिल होने के लिए नहीं कहा गया।
  • तीसरी बात, टुटेजा के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है।
  • नाम एफआईआर में नहीं था। उनके खिलाफ कोई रिकवरी भी नहीं हुई है। हाईकोर्ट में हमारी कई याचिकाएं हैं। अभी एक डिसाइड हुई है। दूसरी भी डिसाइड होगी।
  • उसमें हमने कहा है कि जो जांच हुई है वो ठीक नहीं हुई है।

ये था मामला

  • एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्लू) ने 12 फरवरी 2015 को नान मुख्यालय समेत आसपास के जिलों में पदस्थ करीब डेढ़ दर्जन अधिकारियों और कर्मचारियों के दफ्तरों और आवास पर एक साथ छापेमारी की थी।
  • कार्रवाई के दौरान कुल 3 करोड़ 43 लाख 96 हजार 965 रुपए नगद बरामद हुए। मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए 27 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसमें से 16 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट प्रस्तुत किया गया।
  • इस आधार पर नान के कई अफसरों और कर्मचारियों को जेल भेज दिया गया। अनिल टुटेजा को भी आरोपी बनाया गया था। मामला फिलहाल रायपुर कोर्ट में लंबित है।
  • ट्रायल कोर्ट ने पिछले साल 5 दिसंबर और इस साल 29 मार्च को उनके खिलाफ वारंट जारी किया था। टुटेजा ने वारंट के खिलाफ हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई थी।

टूटेजा बोले- न्यायपालिका पर पूरा भरोसा, न्याय मिलेगा

  • अग्रिम जमानत मिलने पर अनिल टूटेजा ने कहा कि मैं प्रारंभ से ही कहता रहा हूं कि मेरे कार्यकाल में एक भी बोरा अमानक चावल नहीं मिला और न ही एक रूपए की शासन को क्षति हुई।
  • राज्य शासन ने खुद स्वीकार किया है कि छत्तीसगढ़ का पीडीएस देश में सर्वश्रेष्ठ है। कुछ बड़े लोगों को बचाने के लिए मुझे फंसाया गया है। न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है। मुझे न्याय मिलेगा।

अन्य जनहित याचिकाओं पर दूसरी बेंच करेगी सुनवाई

  • नान घोटाला पर पूर्व में दाखिल जनहित याचिकाओं सुदीप श्रीवास्तव, हमर संगवारी, वीरेंद्र पांडेय की तरफ से प्रस्तुत जनहित याचिकाओं और हाल ही में बनी नई एसआईटी के खिलाफ लगाई गई जनहित याचिका पर अब दूसरी बेंच में सुनवाई होगी।
  • एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने अन्य बेंच में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

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