मोटी या पतली कहा तो हो सकती हैं जेल.. अगर आप कॉलेज स्टूडेंट हैं तो ये खबर आपके लिए है..

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नईदिल्ली/रायपुर। कॉलेज या यूनिवर्सिटी कैंपस में अब छात्राओं को मोटी या पतली कहकर चिढ़ाना महंगा पडेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एंटी रैगिंग रेगुलेशन 2016 के नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिए हैं। देशभर के सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों के पास यह आदेश पहुंच चुका है।

गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय व संबद्ध कॉलेजों में किसी भी विद्यार्थी को जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करने पर एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज होगा। मुंबई में पिछले दिनों मेडिकल छात्रा की मौत के बाद जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने की बात सामने आई थी। जिसके बाद यूजीसी ने यह आदेश जारी किया है।

आयोग के सचिव प्रो. रजनीश जैन की ओर से सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखा है। प्रो. जैन ने अपने पत्र में लिखा है कि आयोग ने 2011 से 2018 तक विश्वविद्यालयों को इस संबंध में नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिए हैं। हालांकि कई उच्च शिक्षण संस्थान नियमों को सख्ती से लागू नहीं करते हैं। यदि कोई संस्थान या विश्वविद्यालय नियमों को लागू नहीं करता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। एंटी रैगिंग रेगुलेशन 2009 को 2016 में संशोधित किया था। इसके तहत जातिसूचक के साथ-साथ क्षेत्र पर आधारित शब्दों का प्रयोग भी नहीं किया जा सकता है।

चार बिंदुओं पर मांगी एक्शन टेकन रिपोर्ट

आयोग ने चार बिंदुओं पर एससी, एसटी व ओबीसी विद्यार्थियों की शिकायतों पर एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है। इसमें विवि को बताना होगा कि पिछले रेगुलेशन के आधार पर कमेटी गठित, शिकायतों के लिए वेबसाइट पर विशेष पेज, रजिस्ट्रार के पास जाति सूचक शिकायतों पर निपटारा किया गया है या नहीं, एक वर्ष में कुल शिकायत, कितने मामलों का निपटारा, किसी फैकल्टी के खिलाफ भी शिकायत या कार्रवाई हुई या नहीं, विवि में कोई एंटी रैगिंग सेल है या नहीं, किस प्रकार से शिकायतों का निपटारा किया जाता है आदि पर रिपोर्ट देनी है। गौरतलब है कि हमारे यहां संस्थाएं रैगिंग फ्री कैंपस है।

वेबसाइट पर विशेष पेज बनाना होगा

  • संस्थानों को वेबसाइट पर एंटी रैगिंग पर पेज बनाना होगा।
  • जातिसूचक शब्दों का प्रयोग न करने बल देना होगा।
  • विद्यार्थी ऑनलाइन एंटी रैगिंग, जातिसूचक या क्षेत्र पर शिकायत दर्ज करेंगे।
  • कुलपति, प्रिंसिपल या रजिस्ट्रार ऑफिस में भी सीधे शिकायत लेंगे।
  • मामलों के निपटारे के लिए फैकल्टी सदस्यों की टीम बनाने को कहा है।

अटल बिहारी वाजपेयी विवि के छात्र कल्याण के अधिष्ठाता डॉ.एचएस होता  ने बताया कि यूजीसी ने एंटी रैगिंग रेगुलेशन 2016 के नियमों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।हरियाण के मामले में छात्राओं को मोटी पतली की शिकायत मिली थी। कैंपस में किसी भी तरह की जाति सूचक शब्दों पर सीधे केस दर्ज होगा।

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