20 जून 2019, रायपुर। इस साल मार्च आखिरी और अप्रैल पहले हफ्ते में छह साल पहले तक टैक्स बचाने के लिए रिटर्न में गोलमाल करने वालों को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा था। अब पिछले 30 सालों में बेनामी संपत्ति बनाने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। करदाताओं के पुराने रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं।
- बेनामी संपत्तियों पर नजर रखी जा रही है।
- विभागीय सूत्रों का कहना है कि बेनामी संपत्ति के मामले में 30 साल पहले का भी रिकॉर्ड खंगाला जा सकता है। कर चोरी पकड़ी जाने पर जुर्माने के साथ एक से सात साल तक की सजा का भी प्रावधान है।
- मार्च के आखिरी और अप्रैल के पहले हफ्ते में विभाग ने प्रदेश के 12 हजार उन लोगों को नोटिस भेजा था, जिनके छह साल पहले तक के रिटर्न में गड़बड़ी का अंदेशा था।
- नोटिस के दायरे में व्यापारियों व उद्योगपतियों के साथ शासकीय अधिकारी भी थे। अब विभाग बेनामी संपत्ति वालों पर कार्रवाई की प्लानिंग की जा रहा है।
- आइटी बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष चेतन तारवानी का कहना है कि आयकर नियमों के तहत 30 साल पहले तक की स्थिति में भी बेनामी संपत्ति की जांच की जा सकती है।
- गलत तरीके अपनाकर टैक्स चोरी करने वाले फिर से चौकन्नो होने लगे हैं तथा कर विशेषज्ञों के चक्कर काटने लगे हैं।
इसे कहते हैं बेनामी संपत्ति
- बेनामी संपत्ति के दायरे में वो सारी संपत्ति आएगी, जिन्हें आप टैक्स के डर से अपने नाम पर न रखकर अपने परिचित या सगे-संबंधी के नाम रखते हैं।
31 जुलाई तक दाखिल होगा रिटर्न
- करदाताओं को वित्तीय वर्ष 2019-20 का टैक्स रिटर्न 31 जुलाई तक दाखिल करना है।
- विभाग द्वारा लगातार करदाताओं को इसका मैसेज भेजा जा रहा है ताकि करदाता किसी भी प्रकार से कोताही न बरतें।