यूनियन चुनाव से पहले बीएसपी में बढ़ी सरगर्मी, संयुक्त यूनियन ने एनजेसीएस यूनियनों की काबिलियत पर उठाए सवाल, कहा- बाकी महारत्न कंपनियों से सेल यहां भी हो गया पीछे…

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06 जून 2019 भिलाई।  इस्पात श्रमिक मंच और छत्तीसगढ़ मजदूर संघ संयुक्त बैठक में सेल और आरआईएनएल किसी विधा सुविधा पर चर्चा हुई। देश की अग्रणी इस्पात कंपनी सेल के कर्मचारी महारत्न कंपनी का हिस्सा होने के बावजूद एक अन्य इस्पात उत्पादक नवरत्न कंपनी से काफी पीछे रह गए हैं। जिसका मुख्य कारण एनजेसीएस यूनियनों की न काबिलियत रही है। आज एक और फैसले में आरआईएनएल में त्यौहार अग्रिम राशि 12000 कर दी गई है। सबकी महारत्न कंपनी में मात्र 5000 रुपए मिल रही है। आज एनजेसीएस नेतृत्व की काबिलियत पर तगड़ा हमला बोलते हुए छत्तीसगढ़ मजदूर संघ के प्रवक्ता प्रदीप विश्वास ने कहा कि आज केंद्रीय यूनियनों की नाकाबिलियत के चलते सेल के कर्मचारी गण एनजेसीएस की ही एक सदस्य कंपनी आरआईएनएल से काफी पीछे रह गए हैं। आज एसएमएस-3 के लेडल रिपेयर शॉप में कर्मचारियों से परिचर्चा के दौरान संयुक्त यूनियन ने सारे समझौतों के साथ कर्मियों के समक्ष स्थिति को विस्तारपूर्वक समझाया संयुक्त यूनियन के तरफ से इस्पात श्रमिक मंच और छत्तीसगढ़ मजदूर संघ की संयुक्त बैठक में निम्नलिखित पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
इस्पात श्रमिक मंच से बैठक में इस्पात श्रमिक मंच की तरफ से महासचिव राजेश अग्रवाल, सर्वजीत सिंह किशोर मराठे, आईएस ठाकुर, सीताराम साहू, गेंदलाल वर्मा, आरडी देशलहारा, मुकुंद गंगवेर, दीपक सोनी, वीके दुबे, तामेवार ठाकुर, युवराज गौर, नारायण साहू, गौतम साहू, राजेंद्र, रामकेश मीणा, मनोज साहू, एपी सिंग, आरुण मानकर, युवराज गौर, छत्तीसगढ़ मजदूर संघ की तरफ से शेख महमूद, विनोद सागर, डीके सिंह, प्रदीप विश्वास, अरविंद पांडे, वी. सूर, गिरवर साहू, विमल कांत, मंगेश, हरिदास, सुभाष महाराणा, सारथी महाराणा सहित अन्य साथी मौजूद थे।

सेल महारत्न से नवरत्न ही अच्छा

  • श्रमिक मंच के महासचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि आरआईएनएल भी एनजेसीएस का ही सदस्य है किंतु वहां के कर्मचारियों को सेल से ज्यादा सुविधाएं प्राप्त हैं।
  • जबकि उत्पादन और मुनाफे के पैमाने पर आरआईएनएल सेल से कहीं ज्यादा पीछे है।
  • इसका एक मुख्य कारण एनजेसीएस नेताओं की सेल कर्मियों के प्रति उपेक्षा भरा व्यवहार रहा है।
  • आज जहां इंसेंटिव से लेकर प्रमोशन पॉलिसी तक में आरआईएनएल सेल से कहीं ज्यादा आगे है। फिर भी केंद्रीय नेतृत्व द्वारा कर्मियों की मांग काॅरपोरेट के समक्ष न रखना सेल कर्मियों से एनजेसीएस का सौतेला व्यवहार स्पष्ट करता है।


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