रायपुर 26 मार्च 2019। कोरबा लोकसभा सीट से टिकट मिलने के बाद जहां कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना मंहत ने पत्रकारों से दिल खोलकर बात किया। वहीं पत्रकारों के सवालों का बड़ी मासूमियत से जबाव भी दिया है। जब पत्राकारों ने उनसे पूछा गया कि आपसे पहले इस सीट से आपके पति को लड़ने को कहा गया था, इसमें कितनी सच्चाई है। इस पर उन्होने कहा कि ये सच बात है। उनसे पहले उनके पति चरणदास महंत को पार्टी चुनाव लड़ने को कह रही थी लेकिन उन्होंने जब मना कर दिया।
अजीत जोगी के कोरबा से चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर ज्योत्सना महंत ने प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए कहा कि जोगी उनके बड़े भाई हैं। लेकिन उनके साथ उनके पति चरणदास महंत का साथ है इसलिए उन्हें डर नहीं है।
उन्होंने ये भी कहा कि “कोरबा की जनता ने जिस तरह से महंत जी को प्यार और स्नेह दिया है, उसके आगे कोई और लहर नहीं चलती, महंत जी मेरे साथ हैं, मुझे किसी तरह का डर नहीं है, पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है इसके लिए सभी का धन्यवाद”।
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने छत्तीसगढ़ की अपनी आखिरी लिस्ट में कोरबा से चरणदास मंहत की पत्नी ज्योत्सना महंत की टिकट फाइनल की है। ज्योत्सना ने टिकट मिलने पर सोनिया, राहुल, भूपेश, पुनिया और टीएस का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वो राजनीति में नई नहीं हैं। चरणदास महंत के सात 25 सालों से कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। इसलिए वो खुद को राजनीति में नई नहीं समझतीं। उन्होंने कहा कि वे 29 मार्च को अपना नामांकन दाखिल करेंगी।
एक नजर ज्योत्सना मंहत के बारे में..
- ज्योत्सना महंत का जन्म 18 नवंबर 1953 में हुआ ।
- प्राणी शास्त्र एमएससी तक उन्होंने पढ़ाई की ।
- वर्तमान में छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत उनके पति हैं ।
- उनकी तीन बेटी और एक पुत्र हैं ।
- ज्योत्सना लगभग 25 वर्षों से समाजसेवा और जनचेतना का कार्य कर रही है।
- महान समाजसेवी जन नेता स्वर्गीय बिसाहू दास महंत की बहू भी है।
- उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रति आस्था जताते हुए कहा कि कांग्रेस मेरी दृष्टि से एक राजनीतिक दल ही नहीं है बल्कि एक विचारधारा है। जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, स्वर्गीय इंदिरा गांधी, स्वर्गीय राजीव गांधी, सोनिया गांधी और वर्तमान पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने प्रयासों से इस जीवंत बनाए रखा।
- डॉ चरणदास महंत को 1980 से 2018 के मध्य लोकसभा और विधानसभा के चुनाव को मिलाकर कुल 10 चुनाव लड़े।
- जिसमें उनका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग रहा।
- डॉ महंत की पत्नी और कांग्रेस की सक्रिय कार्यकर्ता होने के नाते वे लगातार जनसंपर्क में रही और उनके भी क्षेत्र में उतने ही अच्छे संबंध हैं जितना डॉ चरणदास महंत के।
- ज्योत्सना महंत के आदर्श गुरु उनके ससुर स्वर्गीय बिसाहू दास महंत और उनके पति डॉ चरणदास महंत हैं।
- ज्योत्सना महंत के पिता राम रूप सिंह और उनकी माता लीलावती से उन्होंने अनुशासित जीवन जीना सीखाया।
- उनके पिता मध्य प्रदेश सरकार के प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी में कंट्रोलर के पद पर रिटायर हुए थे।
- जोशना के दादा स्वर्गीय ठाकुर देव बकस सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने प्रथम विश्वयुद्ध 1914 से 18 तक और द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 45 तक ब्रिटिश इंडियन आर्मी के फौजी के रूप में अपनी सेवाएं दी।
- उनके दादा ने अपने जीवन काल में कई सम्मान ग्रहण किए। वह इस दौरान जर्मनी में बंदी के रूप में भी जेल में रहे।
- उन्होंने यह भी बताया कि उनकी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं रही, क्योंकि उनका संबंध एक ऐसे परिवार से था जिसमें राजनीति को सत्ता का साधन नहीं बल्कि सेवा का माध्यम जाता है।
- उन्होंने बताया कि वह कोरबा लोकसभा क्षेत्र में वृद्ध आश्रम और अनाथालय में अपनी सेवाएं देती हैं।
- उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने बुजुर्गों को अपना अतीत मानती है और बच्चों एवं बचपन को भविष्य मानती है।
- वे समाज को प्रेरणा देते हुए कहती है ऐसा बेहतर जीवन के लिए अतीत और भविष्य दोनों के प्रति हमें गंभीर होने की आवश्यकता है।
- उन्होंने राजनीतिक उपलब्धियां बताते हुए कहा कि 25 सालों से मतदाताओं से सीधा संपर्क रखी हुई है।
- उन्होंने यह भी बताया कि इस अवधि के दौरान उन्होंने राजनीतिक और सामाजिक आयोजनों में काफी सक्रियता बनाए रखीं।
- ज्योत्सना महंत का ऐसा मानना है कि क्षेत्र में आम जनों से उनका आत्मीय संबंध ही उनकी सबसे बड़ी पूंजी है।