सेंट्रल GST इंटेलिजेंस की बड़ी कार्रवाई.. 400 करोड़ के फर्जी बिल मामले में व्यापारी को रायपुर एयरपोर्ट पर दबोचा..

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रायपुर 5 जनवरी, 2020। छतीसगढ़ में केन्द्रीय जीएसटी इंटेलिजेंस विभाग ने 400 करोड़ के फर्जी बिल मामले में साल की पहली गिरफ्तारी की है। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय रायपुर की जोनल यूनिट ने इसे उजागर किया है। यह मामला रायपुर के मेसर्स दधीचि आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड का है। इसके डायरेक्टर प्रकाश बिहारी लाल दधीचि परिवार के साथ भाग रहा था, लेकिन स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर दबोच लिया गया।

  • अतिरिक्त महानिदेशक अजय कुमार पाण्डेय इसकी पुष्टि की है। दधीचि के द्वारा सात से दस अन्य फर्जी फर्में बनाकर कर मार्च 2018 से अक्टूबर 2019 के बीच फर्जी बिलों के आधार पर व्यापक जीएसटी (आईटीसी) के द्वारा घोटाले को अंजाम दिया। दरअसल  इसी 31 जनवरी को पांडेय के ही नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई।
  • संयुक्त निदेशक नेम सिंह ने विभाग की टीम के साथ मेसर्स दधिचि आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा एवं मध्यप्रदेश में लगभग 20 अलग अलग ठिकानों पर 100 से अधिक अधिकारियों के साथ छापेमारी की।
  • जांच दलों को मिली सूचनाओं का दो दिनों तक गहन विवेचना कर तथा तथ्यों का सामना कर इस फर्म के निदेशक प्रकाश बिहारी लाल दधिचि से पूछताछ कर मामले का पर्दाफ़ाश किया गया।
  • इस केस के जांच अधिकारी उप निदेशक टिकेंद्र कुमार कृपाल एवं समन्वयक सहायक निदेशक शिवी सांगवान हैं। 
  • ओडिशा में कार्रवाई डीजीजीआई बिलासपुर क्षेत्रीय इकाई के सहायक निदेशक एसके दास की अगुवाई में की गई| 


ये भी मिला: 

छापेमारी में करीब 89.50 लाख की नकदी भी जब्त की गई । इसके बारे में पूछे जाने पर प्रकाश बिहारी लाल दधिचि ने उनके द्वारा की गई फर्जी खरीदी एवं बिक्री से संबंधित बताया। दधिचि ने विभाग द्वारा की गई कार्रवाई का पता चलते ही अपने परिजनों के साथ रायपुर विमानतल से जयपुर फरार होने का प्रयास भी किया। इसको अधिकारियों ने पूरा न होने दिया। रायपुर जोनल यूनिट,भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण तथा सीआईएफआई ने मिलकर कंपनी के अन्य डायरेक्टर्स को स्वामी विवेकानंद विमानतल दबोच लिया।


यह है मामला: 

अधिक के फर्जी बिल जारी कर 60 करोड़ रुपए से अधिक के राजस्व का गबन किया गया है। दरअसल आईटीसी का मतलब माल के खरीद के समय चुकाया गया कर, जिसे आउटपुट पर टैक्स देने के समय अपने इनपुट टैक्स से एडजस्ट कर सकते हैं जो आपने माल खरीदते समय चुकाया है। आरोपी फर्म ने माल की खरीदी ऐसी कई फर्जी फर्मों से अपने जीएसटी रिटर्न में दर्शाया है जो कि असल में अस्तित्वहीन हैं या फिर जिनका निर्माण फर्जी दस्तावेजों तथा धोखाधड़ी से किया गया। आरोपी के खिलाफ जीएसटी अपवंचन का मामला दर्ज किया गया। कार्यवाही को अंजाम देते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। वर्तमान में जांच में मिले दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। 


इसलिए बना मामला : छह माह की कैद का प्रावधान: 

सीजीएसटी एक्ट की धारा 132 के अनुसार फेक बिल्स के जरिये जीएसटी अपवंचन में लिप्त आरोपी को  6 महीने के कारावास का प्रावधान है। अतः साफ़ है कि जिन व्यापारियों को मेसर्स दधिचि आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड ने फर्जी बिल के आधार पर अन्य व्यापारियों को पारित किया गया है, उन सभी पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।