‘Mann ki Baat’ Highlights: जल संरक्षण से लेकर विज्ञान के चमत्कार तक PM मोदी ने किया इन खास बातों का जिक्र….

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नई दिल्ली। पीएम मोदी ने आज सुबह 11 बजे अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित किया। यह उनका 74वां संबोधन था। उन्होंने जल संरक्षण से लेकर विज्ञान के चमत्कार तक का जिक्र अपने कार्यक्रम में किया।

आइए एक नजर डालते हैं ‘मन की बात’ कार्यक्रम के खास बिंदुओं पर।
‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ में साइंस की शक्ति का बहुत बड़ा योगदान है। आत्मनिर्भर का मतलब अपनी किस्मत का फैसला खुद करनाः पीएम मोदी
हम जैसे दुनिया के दूसरे वैज्ञानिकों के बारे में जानते हैं, वैसे ही हमें भारत के वैज्ञानिकों के बारे में भी जानना चाहिएः पीएम मोदी
आज नेशनल साइंस डे भी है। आज का दिन भारत के महान वैज्ञानिक, डॉक्टर सी.वी. रमन जी द्वारा की गई ‘रमन इफेक्ट’ खोज को समर्पित हैः पीएम मोदी
हमें अपने चीजों पर गर्व होने चाहिए- पीएम मोदी
हमारे वैज्ञानिकों को युवा खूब पढ़ें और समझें: पीएम मोदी
संत रविदास का जिक्र कर बोले पीएम मोदी- युवा कोई भी काम करने के लिए पुराने तरीकों में ना बंधे
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘रविदास जी कहते थें-करम बंधन में बन्ध रहियो, फल की ना तज्जियो आस। कर्म मानुष का धम्र है, सत् भाखै रविदास।। अर्थात हमें निरंतर अपना कर्म करते रहना चाहिए, फिर फल तो मिलेगा ही मिलेगा, कर्म से सिद्धि तो होती ही होती है।’
पीएम मोदी बोले- भारत में कोई ऐसा दिन नहीं होगा जब देश के किसी-न-किसी कोने में पानी से जुड़ा कोई उत्सव न हो। माघ के दिनों में तो लोग अपना घर-परिवार, सुख-सुविधा छोड़कर पूरे महीने नदियों के किनारे कल्पवास करने जाते हैं।
जल हमारे लिए जीवन भी है और आस्था भी: PM मोदी
ये मेरा सौभाग्य है कि मैं संत रविदास जी की जन्मस्थली वाराणसी से जुड़ा हुआ हूं। संत रविदास जी के जीवन की आध्यात्मिक ऊंचाई को और उनकी ऊर्जा को मैंने उस तीर्थ स्थल में अनुभव किया हैः पीएम मोदी
जब भी माघ महीने और इसके आध्यात्मिक सामाजिक महत्त्व की चर्चा होती है तो ये चर्चा एक नाम के बिना पूरी नहीं होती। ये नाम है संत रविदास जी काः पीएम मोदी
इस बार हरिद्वार में कुंभ भी हो रहा है। जल हमारे लिये जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी हैः पीएम मोदी
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल शक्ति अभियान ‘कैच द रेन’ शुरू किया जा रहा है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
3 अक्टूबर 2014 को हुआ था कार्यक्रम शुरू
आपको बता दें कि 3 अक्टूबर 2014 को पीएम मोदी के ‘मन की बात’ प्रोग्राम की शुरूआत हुई थी। तब से लगातार इसके प्रसारण का सिलसिला जारी है। महीने के आखिरी रविवार को पीएम मोदी जनता से रेडियो के जरिए अपने ‘मन की बात’ करते हैं। ये विशेष कार्यक्रम 18 क्षेत्रीय भाषाओं और 33 बोलियों में भी प्रसारित किया जाता है। हाल ही में RTI में खुलासा हुआ था कि इस कार्यक्रम पर 7.29 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जबकि इससे ऑल इंडिया रेडियो को 30.28 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है।
परिवार के सदस्य के रूप में उपस्थित हूं: PM मोदी
अपने पिछले कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था कि जब मैं ‘मन की बात’ करता हूं तो ऐसा लगता है, जैसे आपके बीच, आपके परिवार के सदस्य के रूप में उपस्थित हूं। उन्होंने इस कार्यक्रम में ‘तिरंगे’ से लेकर ‘क्रिकेट की पिच’ तक का जिक्र किया था। पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली में 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख देश बहुत दुखी हुआ। हमें आने वाले समय को नई आशा और नवीनता से भरना है। इस बार 26 जनवरी की परेड में भारतीय वायुसेना की दो महिला ऑफिसर ने नया इतिहास रच दिया। क्षेत्र कोई भी हो, देश की महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। तो वहीं उन्होंने ये भी कहा था कि इस महीने, क्रिकेट पिच से भी बहुत अच्छी खबर मिली। हमारी क्रिकेट टीम ने शुरुआती दिक्कतों के बाद, शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती। हमारे खिलाड़ियों का टीम वर्क प्रेरित करने वाला है।