मुख्यमंत्री की पहल पर 3 लाख से अधिक श्रमिकों को पहुंचाई राहत.. अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के 2 लाख 74 हजार लोगों ने वापस आने कराया पंजीयन…

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रायपुर, 17 मई 2020। लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण राज्य एवं राज्य से बाहर फंसे हुए 3 लाख से अधिक जरूरतमंद श्रमिकों को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया के मार्गदर्शन पर तत्काल राहत पहंुचायी गई है। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के लिए देश भर में किये गये लॉकडाउन के दौरान श्रम मंत्री डॉ. डहरिया के निर्देश पर श्रम विभाग द्वारा स्थापित हेल्पलाईन सहित अन्य स्त्रोतों से मिली सूचना के आधार पर राज्य में तथा राज्य के बाहर 16 मई की स्थिति में करीब 3 लाख जरूरतमंद श्रमिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया गया है।

नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. डहरिया ने आज यहां बताया कि लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण देश के अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के 2 लाख 51 हजार 867 श्रमिक तथा 22 हजार 168 अन्य लोगों इस तरह कुल 2 लाख 73 हजार 935 लोगों ने अब तक वापस अपने गृहग्राम आने के लिए राज्य शासन द्वारा जारी लिंक के माध्यम से ऑनलाईन पंजीयन करवाया है।

उन्होंने बताया कि शासन द्वारा अन्य प्रदेशों में छत्तीसगढ़ के संकटापन्न प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए लगभग 43 ट्रेनों की सहमति राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई है। आज की स्थिति में 11 ट्रेनों के माध्यम से लगभग 16 हजार 154 प्रवासी श्रमिकों को वापस लाया जा चुका है। अब तक वाहन एवं अन्य माध्यमों से अन्य राज्यों में फंसे 59 हजार 474 श्रमिकों को गृहग्राम वापस लाया जा चुका है। छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों के फंसे हुए लगभग 30 हजार 422 से अधिक श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजा गया है। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के भीतर ही लगभग 10 हजार 563 श्रमिकों को एक जिले से अपने गृह जिला तक पहुंचाया गया है।

छत्तीसगढ़ के 2 लाख 51 हजार 867 प्रवासी श्रमिक सहित तीन लाख से अधिक लोगों को जो देश के राज्यों में होने की सूचना मिलने पर उनके द्वारा बताई गई समस्याओं का त्वरित निदान करते हुए उनके लिए भोजन, राशन, नगद, नियोजकों से वेतन तथा रहने एवं चिकित्सा आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों एवं प्रबंधकों से समन्वय कर (राशन एवं नगद) आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। इनमें 26 हजार 102 श्रमिकों को 36 करोड़ रूपए बकाया वेतन का भुगतान कराया गया है। लॉकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में लगभग 98 हजार श्रमिकों को पुनः रोजगार उपलब्ध कराया गया है। वहीं छोटे-बड़े 1246 कारखानों में पुनः कार्य प्रारंभ हो गया है।

श्रम विभाग के सचिव एवं नोडल अधिकारी श्री सोनमणि बोरा के मार्गदर्शन में राज्य एवं राज्य के बाहर फंसे जरूरतमंद श्रमिकों को श्रम विभाग के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन द्वारा अन्य राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों, नियोक्ताओं, प्रबंधकों एवं संबंधित श्रमिकों से समन्वय कर भोजन, रहने-खाने, चिकित्सा सहित अन्य आवश्यकताओं और समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। साथ ही श्रमिकों एवं अन्य लोगों की आग्रह पर छत्तीसगढ़ से बाहर फंसे लोगों को छत्तीसगढ़ लाने की कार्यवाही की जा रही है। वहीं छत्तीसगढ़ में फंसे अन्य राज्यों के श्रमिकों तथा अन्य लोगों को उनके गृह राज्य भी भेजा रहा है। कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) के माध्यम से अब तक प्रदेश में 42 क्लीनिक संचालित है। जिसमें 57 हजार 403 श्रमिकों का उपचार कर दवा आदि का वितरण किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राज्य स्तर पर 24ग्7 हेल्पलाईन (0771-2443809), (91098-49992), (75878-22800) स्थापित किया गया है। इसी प्रकार समस्त 27 जिलों में भी हेल्पलाईन नम्बर स्थापित किए गए है।