छत्तीसगढ़ में कोरोना से अब तक 900 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों की मौत, सरकार से इस मांग के लिए उठ रही आवाज

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में हजारों की संख्या में कोरोना से मौत हुई है। पूरे प्रदेश में इस घातक बीमारी से 900 से भी ज्यादा राज्य शासन के अधिकारियों और कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। दुःख की इस घडी में कर्मचारी-अधिकारी संगठन के नेता मांग कर रहे हैं कि नियम कायदो को शिथिल करते हुए जल्द से जल्द मृतकों के आश्रितों को अनुकंपा नौकरी दी जाये। इनमे से कई आश्रित ऐसे हैं जिनके परिवार के कमाऊ सस्दस्य की मौत के बाद उनकी आर्थिक स्थिति काफी बिगड़ गई है।

• प्रदेश भर से मंगाई गई मृतकों की जानकारी
• सामान्य प्रशासन विभाग ने बीते एक वर्ष के कोरोना काल में समस्त विभागों में कोरोना से मृत अधिकारियों और कर्मचारियों की जानकारी मांगी थी।
• साथ ही मृतकों के आश्रितों को विभिन्न योजनाओं के तहत दिए गए लाभ और अनुकम्पा नौकरी का ब्यौरा भी मांगा था।
• अलग-अलग विभागों से मिली जानकारी के मुताबिक सर्वाधिक मौतें शिक्षा विभाग में हुई हैं।
• कोरोना से अधिकारी-कर्मचारियों की मौतों का कुल आंकड़ा 900 को पार कर गया है।
• छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अधिकारीयों के विभिन्न संगठनों को मिलाकर बनाये गए छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने मुख्यमंत्री को इस संबंध में पत्र लिखकर अवगत कराया है।
• बताया है कि जिन कर्मियों की मौत हुई है, उनके इलाज में लाखों रूपये खर्च हो गए और शासन से उनके परिवारों को कोई भी सहयोग नहीं मिला।
• कई शासकीय सेवक के परिवार में कोरोना से संक्रमित एक से अधिक लोगों की मौत हुई है।
• चूँकि शासकीय विभागों में कुल रिक्त पदों में से 10 प्रतिशत सीलिंग का नियम है, इसलिए इस नियम को शिथिल करते हुए आश्रितों को तृतीय श्रेणी के पदों पर नियुक्ति देने की मांग फेडरेशन ने की है।
• फेडरेशन ने जानकारी दी है कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग में लगभग 10 हजार पद रिक्त हैं।
• इन पदों पर नियमों को शिथिल करते हुए अनुकम्पा दी जा सकती है। इसके अलावा आश्रितों को उनकी योग्यता के आधार पर तृतीय श्रेणी के अलावा ऊपर के वर्गों में भी नौकरी की मांग की गयी है।