भड़काऊ भाषण देने से लगा था एनएसए, हाइकोर्ट ने डॉ कफील को किया रिहा

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रायपुर: डॉ कफील पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के मामले में एनएसए के तहत कार्रवाई की गई थी. डीएम अलीगढ़ ने नफरत फैलाने के आरोप में डॉ. कफील पर एनएसए लगाया था. पिछले कई महीनों से कफील खान मथुरा जेल में बंद किया गया था जिसका फैसला में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एनएसए हटाने का आदेश जारी करते हुए डॉक्टर कफील खान को तुरंत रिहा करने का निर्देश दिया है. बता दें कि डॉ. कफील पर एनएसए लगाने को चुनौती दी गई थी. डॉ कफील की मां नुजहत परवीन की ओर से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की गई थी.

एनएसए की कार्रवाई को कहा गैरकानूनी
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनते हुए कहा की अलीगढ़ डीएम की ओर से 13 फरवरी, 2020 को पारित आदेश (एनएसए की कार्रवाई) गैरकानूनी है. कफील खान को हिरासत में लेने की अवधि का विस्तार भी अवैध है. डॉ. कफील खान को तुरंत रिहा करने का आदेश जारी किया जाता है.

3 महीने के लिए बढ़ा दी
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3 (2) के तहत 13 फरवरी 2020 को कफील खान को अलीगढ़ जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर निरुद्ध किया गया है जिसके बाद डॉ. कफील खान की हिरासत को हाल में 3 महीने के लिए बढ़ा दी गई थी. पिछले करीब 6 महीने से एनएसए के तहत कफील खान मथुरा जेल में बंद है

क्या है पूरा मामला
डॉक्टर कफील खान गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में बच्चों के डॉक्टर थे. 2017 में ऑक्सीजन की कमी की वजह से मेडिकल कॉलेज में 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी. उस समय कफील खान वॉर्ड सुपरिंटेंडेंट थे और बच्चों की मौत को लेकर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.

आठ महीने जेल में रहने के बाद 2018 में डॉक्टर कफील खान को कोर्ट से जमानत मिल गई थी. इसी साल जनवरी में कफील एक बार फिर मुश्किलों में फंस गए, जब उन्हें एएमयू में विवादित बयान देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था. फरवरी में कफील जमानत पर रिहा होने ही वाले थे कि योगी सरकार ने उन पर राजद्रोह लगा दिया.

प्रियंका गांधी के बाद रंजन चौधरी ने लिखी चिट्ठी
गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान की रिहाई की मांग कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बाद अब लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने की है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर डॉ. कफील खान की रिहाई की मांग की है. इससे पहले प्रियंका ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी थी.

कफील के साथ हो रही नाइंसाफी- रंजन चौधरी
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपनी चिट्ठी में कहा कि नागरिकता कानून का विरोध करने पर डॉ. कफील खान के उपर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया और उन्हें जेल में बंद कर दिया गया. डॉ. कफील के साथ नाइंसाफी हो रही है. मैंने भी नागरिकता कानून का सड़क से लेकर संसद तक विरोध किया, लेकिन मेरे उपर राजद्रोह का केस नहीं दर्ज हुआ.डॉ.कफील खान के बोलने के अधिकार को दबाया गया और उन्हें जेल में बंद कर दिया गया. इंटरनेशनल संस्थाएं जैसे यूनाइटेड नेशन ने भी डॉ. कफील खान को रिहा करने के लिए कहा था, फिर भी उनकी रिहाई नहीं हुई है. किसी के साथ नाइंसाफी, भेदभाव करके रामराज्य की स्थापना नहीं हो सकती है.

योगी को याद दिलाया उन्हीं के गुरु का मंत्र
इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था, ‘डॉक्टर कफील खान करीब 450 दिन जेल में गुजार चुके हैं. उन्होंने कठिन परिस्थितियों में निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा की है. मुझे उम्मीद है कि आप संवेदनशीलता का परिचय देते हुए डॉक्टर कफील खान को न्याय दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे.’