रायपुर। छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ द्वारा अपने अधिकारों को लेकर संघर्ष का बिगुल फूंक दिया गया है। आज महासंघ के प्रदेश एवं जिला के पदाधिकारियों द्वारा बैठक लेकर प्रदेश के समस्त अनियमित (संविदा, दैनिक वेतनभोगी, आउट सोर्सिंग, अंशकालीन, मानदेय पर कार्यरत, कलेक्टर दर तथा राज्य एवं केंद्र की विभिन्न योजनाओं में कार्य कर रहे) कर्मचारी-अधिकारियों द्वारा “25 अगस्त 2019 दिन रविवार को आयोजित छटनी रोको आंदोलन एवं धरना” को सफल बनाने रणनीति तय की गई| धरना के बाद रैली निकाली जावेगी।
महासंघ के सरंक्षक विजय कुमार झा व प्रदेश सचिव राजकुमार कुशवाहा ने बताया की कि प्रदेश में वर्तमान में 2 लाख से अधिक अनियमित कर्मचारी/अधिकारी कार्यरत हैं, जो राज्य सरकार कि प्रशासनिक व्यवस्था में समर्पित भाव से अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं, उक्त निर्णय छत्तीसगढ़ में भी किए जाने की है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के जन-घोषणा (वचन) पत्र “दूर दृष्टि, पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा वादा” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने को शामिल किया है। इस घोषणा के बावजूद भी अनियमित कर्मचारियों की छटनी की जा रही है, जिससे प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों में भारी रोष, असंतोष व्याप्त है तथा सरकार के इस कृत्य से कर्मचारियों के मन में यह सवाल पैदा होता है कि इसी तरह से छटनी जारी रहेगी तो नियमितीकरण किसकी और कैसे होगी।
नियमितीकरण की प्रत्याशा में हमारी तत्कालिक मांग जिसमें अतिरिक्त बजट की आवश्यकता नहीं है।
महासंघ की मुख्य 4 मांग निम्नानुसार है :
- अनियमित कर्मचारियो को नियमितीकरण किये जावे
- किसी भी अनियमित कर्मचारियों की छटनी न किया जावेI|
- निकाले गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल किया जावे I|
- अनियमित कर्मचारियों को प्रथमतः 62 वर्ष तक नौकरी की सुरक्षा (Job Security) प्रदान किया जावे।
आज की बैठक में मुख्य रूप शामिल हुए विजय कुमार झा,गोपाल प्रसाद साहू प्रदेश अध्यक्ष, बजरंग मिश्रा कार्यकारी अध्यक्ष, प्रेमप्रकाश गजेन्द्र उपाध्यक्ष, धर्मेन्द्र सिंह राजपूत प्रवक्ता, कमलेश कुमार सिन्हा महामंत्री, राजकुमार कुशवाहा प्रदेश सचिव,शाहिद मंसूरी, राधेश्याम देवांगन प्रवक्ता, ग्वाला प्रसाद यादव प्रवक्ता शैलेन्द्र चंद्राकर, सचिन ताम्रकार, किशन कुमार, अशोक सिन्हा ,अरुण वैष्णव,पंकज चंद्राकर,शैलेन्द्र चंद्राकर, आदि अनियमित कर्मचारी उपस्थित थे|