27 मई 2019, नई दिल्ली/ रायपुर। छत्तीसगढ़ समेत 25 से ज्यादा राज्यों को प्लास्टिक वेस्ट ठिकाने लगाने का तरीका न बताने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना चुकाना होगा। ऐसा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के चलते होगा।
- राज्यों को प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण की कार्ययोजना 30 अप्रैल तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सौंपनी थी।
- देश में केवल आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पुडुच्चेरी ने यह कार्ययोजना दाखिल की है।
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अतिरिक्त निदेशक एसके निगम ने बताया कि राज्य प्रदूषण के खात्मे संबंधी हमारे आदेशों पर ध्यान नहीं दे रहे, इसलिए हमें वस्तुस्थिति से एनजीटी को अवगत कराना पड़ा।
- अब राज्यों ने एनजीटी का आदेश नहीं माना है, इसलिए अब उन्हें एनजीटी के आदेश के मुताबिक जुर्माना झेलना पड़ेगा।
- एनजीटी के आदेश में केवल जुर्माना देकर ही छूट नहीं है, कुछ मामलों में आदेश न मानने वाले को जेल भी जाना पड़ सकता है।
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से निगम काफी समय से कानूनी मामले देखते रहे हैं।
- उन्होंने बताया कि प्लास्टिक और ठोस कूड़े का निस्तारण कभी भी राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल नहीं रहा।
- इसी मामले में मंत्री शिव डहरिया ने कहा की एनजीटी से प्लास्टिक अवशिष्ट के निपटान पर कार्ययोजना मांगी गई है, इसकी जानकारी नहीं थी। इस पर नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों से जानकारी लूंगा। कार्ययोजना नहीं बनी है, तो जल्द तैयार कर एनजीटी के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया जाएगा।