माता कौशल्या को लेकर सियासी संग्राम.. पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर बोले- चंदखुरी माता कौशल्या की जन्मस्थली नहीं.. किस किताब में लिखा है प्रमाण, कॉन्ग्रेस बताएं..

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रायपुर 19 दिसंबर, 2020। छत्तीसगढ़ में राम नाम और माता कौशल्या पर सियासी बयानबाजी जारी है। कांग्रेस सरकार के दो साल पूरा होने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित पूरी कैबिनेट चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर पहुंची थी। कांग्रेस सरकार के भव्य आयोजन के बाद अब भाजपा सरकार में संस्कृति मंत्री रहे अजय चंद्राकर ने कौशल्या माता को लेकर बड़ा बयान दिया है।

अजय चंद्राकर ने कहा कि चंदखुरी माता कौशल्या की जन्मस्थली नहीं है। वहां माता कौशल्या का मंदिर है। कांग्रेस को घेरते हुए उन्होंने कहा कि मुझे इनकी सोच और जानकारी पर तरस आता है। ऐसा माना जाता है कि बिलासपुर के पास स्थित कोसला जमीदारी दक्षिण कौशल की राजधानी हुआ करती थी। दक्षिण कौशल के राजा भानुमति की पुत्री कौशल्या का विवाह उत्तर कौशल के राजा दशरथ से हुआ था। चंदखुरी में माता कौशल्या का मंदिर है, न कि उनकी जन्मस्थली। कांग्र्रेस माता कौशल्या के नाम पर बेवजह राजनीति कर रही है।

अगर कांग्रेस के पास सबूत है तो बताएं किस किताब में लिखा है माता कौशल्या की जन्मस्थली का पता। अजय चंद्राकर ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों को यह भी जानकारी होना चाहिए की माता कौशल्या का मंदिर चंदखुरी में जरूर है लेकिन उनकी जन्मस्थली यहां नहीं है। उन्होंने भी इस बात को लेकर कहा कि जन्मस्थली कोसला पामगढ़ में हो सकती है लेकिन चंदखुरी में जन्मस्थली नहीं है और ना ही यह राम वन गमन पथ के मार्ग में आता है।