फर्जी जाति प्रमाण के आधार पर नौकरी कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों का मुद्दा सदन में उठा- शिवरतन ने दागे सवाल, सीएम भूपेश का ये मिला जवाब.. पढ़िए..

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19 जुलाई, 2019 रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे कर्मचारी-अधिकारी का मुद्दा भी सदन में उठा। बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने पूछा। छानबीन समिति ने 25 जून 2019 तक मंत्रालयीन सेवा के कितने अधिकारी-कर्मचारियों के जाति प्रमाण पत्र की जांच की, जिनमें कितने प्रकरण में प्रमाण पत्र फर्जी करार दिए गए और उन अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई।

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसका जवाब दिया। उन्होंने बताया कि 6 प्रकरण में प्रमाण पत्र फर्जी करार दिया गया।
  • शिवरतऩ शर्मा ने पूरक सवाल पूछते हुए कहा कि जिन अफसरों को क्लीन चिट दी गयी, उसमें किसी अधिकारी का हस्ताक्षर है या फिर सभी मेंबर का हस्ताक्षर है।
  • शिवरतन शर्मा के मुताबिक समिति के सभी मेंबर के हस्ताक्षर से आदेश नहीं निकलने की वजह से ही कोर्ट में सभी को स्टे मिल जाता है। शिवरतन ने छानबीन समिति के सदस्यों की जानकारी मांगी।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि समिति में आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव, आदिम जाति विभाग के संचालक, संचालक भू-अभिलेख, विशेषज्ञ इस समिति के सदस्य हैं।
  • शिवरतन शर्मा ने इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग की, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ प्रकरण कोर्ट में है, उसकी जांच कैसे होगी, लेकिन कुछ प्रकरण विशेष शिकायत हो तो वो उसे दे दें, जिसकी जांच करा ली जायेगी।

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