विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उठे सवाल.. प्रियंका गांधी ने पूछा- संरक्षण देने वाले लोगों का क्या?.. अखिलेश ने कहा, ‘सरकार पलटने से बचाई’..

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नई दिल्ली। कानपुर हत्याकांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे यूपी एसीटीएफ ने एक एनकाउंटर में मार गिराया है। पुलिस की तरफ से बताया गया है कि जब विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था। तब उस समय गाड़ी की रफ्तार तेज होने के कारण अचानक गाड़ी पलट गई जिसके बाद विकास पुलिसवालों का हथियार लेकर भाग रहा था। जिस कराण उसकी एनकाउंटर में मौत हो गई है।   

विकास दुबे के एनकाउंटर ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली के ऊपर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले जब उज्जैन में विकास की गिरफ्तारी हुई थी। तब भी कई सवाल उठ रहे हैं मगर अब उसके एनकाउंटर ने नए सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रियंका गांधी ने पूछा सवाल…?

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने विकास दुबे एनकाउंटर के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार से सवाल पूछा है। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा, ‘अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको संरक्षण देने वाले लोगों का क्या?’ आपको बता दें कि इससे पहले गुरुवार को जब विकास दुबे पकड़ा गया था, तो प्रियंका गांधी ने मिलीभागत की ओर इशारा किया था।

प्रियंका गांधी ने मिली भगत की ओर किया था इशारा

प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, ‘कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई। अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है। तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं। यूपी सरकार को मामले की CBI जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगज़ाहिर करना चाहिए।’

अखिलेश ने कहा, ‘सरकार पटलने से बचाई है

अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है।’ आपको बता दें कि इससे पहले गुरुवार को जब विकास दुबे पकड़ा गया था, तो अखिलेश यादव ने इसमें मिलीभगत की आशंका जताई थी। अखिलेश ने ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘खबर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है। अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी। साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।’

ये हैं अहम सवाल

  • 1.पुलिस ने विकास के मामले में बताया है कि वह 2-3 किलो मीटर तक भागा। इससे सवाल उठता है कि क्या गाड़ी पलटने के बाद पुलिस इतनी भी मुस्तैद नहीं थी कि एक खूंखार अपराधी इतनी दूर तक हाथ नहीं आया। पुलिस की उज्जैन से इसे कानपुर लाने की तैयारी इतनी कमजोर थी
  • 2. इतने खुंखार अपराधी को पुलिस ने कैसे पकड़ा हुआ था कि वो बड़ी आसानी से हथियार छीनकर भाग रहा था?
  • 3. विकास दुबे को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाना था, ऐसे में जब उसे पता था कि वो कोर्ट जा रहा था, तो वह भागने की कोशिश क्यों करेगा?
  • 4. क्या पुलिस की ओर से वीडियो जारी किया जाएगा? पुलिस की ओर से पलटी हुई गाड़ी की तस्वीर जारी की गई है, लेकिन क्या इस घटना की प्रमाणिकता के लिए कोई वीडियो जारी किया जाएगा?
  • 5. क्या इतने बड़े अपराधी और एक हफ्ते पहले ही आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले खूंखार अपराधी को लाने वाले पुलिसकर्मियों की तादाद इतनी नहीं थी कि गाड़ी पलटने के बाद वह हथियार छीनकर भागने लगा?