राज्य सरकार की तीर्थ यात्रा योजना में गई महिला तिरुपति में भटक गई, 2 दिनों तक अफसरों ने ढूंढा तक नहीं आखिर में सड़क हादसे में हो गई मौत, ऐसे हुई पहचान…

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03 मार्च 2019 बालोद। सरकारी सिस्टम कितना लापरवाह है इसका अंदाजा इस केस से ही लगाया जा सकता है कि सरकार की तीर्थ यात्रा योजना में गई महिला पहले भटक गई और उसके दो दिन बाद उस महिला की सड़क हादसे में मौत हो गई। यह पूरा मामला बालोद जिले के दल्लीराजहरा वार्ड 5 निवासी चंद्रकला राव (69) का है। जिसकी मौत 27 फरवरी की रात 10 बजे एक कार एक्सीडेंट में तिरुपति में हो गई। वह शासन की मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत दल्लीराजहरा के अन्य 70 लोगों के साथ तिरुपति बालाजी व रामेश्वरम् दर्शन के लिए गई थी लेकिन वापस नहीं लौटी।

  • जानकारी के अनुसार दर्शन करने के बाद सभी तीर्थयात्री एक भोजनालय में खाना खाने रुके थे। खाना खाने के बाद हाथ होने के बाद महिला उठकर वही टहल रही थी।
  • इस दौरान बस चालकों ने जल्दी अपनी अपनी सीट पर बैठने के लिए आवाज दी। महिला धोखे से दूसरी बस में जाकर बैठ गई। जिसे चालक ने आधे रास्ते में उतार दिया। – 2 दिन तक महिला तिरुपति में भटकती रही। इधर उसे गुमशुदा मानकर रेलवे पुलिस, नगर पालिका व समाज कल्याण विभाग की टीम भी ढूंढती रही लेकिन कुछ पता नहीं चला।
  • 27 फरवरी को तिरुपति से 2 किलोमीटर दूर एक जगह पर कार एक्सीडेंट हुई। जिसमें 4 लोगों की मौत हुई थी
  • इसी में से एक लाश महिला चंद्रकला की निकली। जिसकी पहचान योजना के तहत गले में लगी नेम प्लेट से की गई।
  • मामले में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर रानू साहू के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग ने नगर पालिका के समाज कल्याण शाखा से जुड़े अनुरक्षक घनश्याम शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
  • वहीं महिला के साथ में गई सहयोगी सुमित्री बाई निषाद के संबंध में भी जिला प्रशासन ने जानकारी मांगी है।
  • आरोप यह भी लगाया जा रहा है कि कुछ लोगों को नियम विरुद्ध यात्रा में शामिल किया गया।
  • इस संबंध में भाजपा के नेता संतोष देवांगन व अन्य पार्षद भी जिला व पुलिस प्रशासन से शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं।

करेंगे कार्रवाई, नोटिस जारी

  • कलेक्टर रानू साहू ने कहा, उनके साथ 50 वर्षीय सहयोगी थी, जो तिरुपति में खाना लेने गई तो महिला इस दौरान कहीं चली गई।
  • सहयोगी महिला और अनुरक्षक दोनों ने इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारी को नहीं दी थी, जब दूसरे दिन ट्रेन में गए तब काउंटिंग करने पर मिसिंग का पता लगा जिसकी सूचना आरपीएफ को दी गई।
  • सहायक, सहयोगी महिला गैर शासकीय हैं। जबकि अनुरक्षक शासकीय है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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